आयुर्वेद जड़ी-बूटियों का विज्ञान है, जिसमें जड़ी-बूटियों की मदद से आपकी बीमारी का इलाज किया जाता है। इसी आयुर्वेदिक विज्ञान में शामिल है एक औषधि जिसका नाम है “त्रिफला”। त्रिफला, संस्कृत में “त्रि” और “फल” का मेल है, जिसका अर्थ होता है “तीन फलों का मिश्रण”। इन तीन फलों के मिश्रण का मानव स्वास्थय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज में त्रिफला चूर्ण के फायदे जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।
त्रिफला क्या है?
त्रिफला यानी तीन फल का मिश्रण। आयुर्वेदिक विज्ञान में तीन फलों अमलकी (आंवला), बिभीतक (बहेडा) और हरितकी (हरड़) के बीज निकाल कर 1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 3 भाग आंवला का मिला कर त्रिफला बनती है। आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार त्रिफला का सेवन करने वाले व्यक्तियों को हृदयरोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, नेत्ररोग, मोटापा आदि होने की संभावना नहीं होती।
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त्रिफला चूर्ण के फायदे
त्रिफला चूर्ण के फायदे बहुत से हैं जैसे त्रिफला पाचन और भूख को बढ़ाने, लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने और शरीर में फैट को कम करने मदद करता है। त्रिफला चूर्ण के फायदे में ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करना और त्वचा के रंग और टोन में सुधार लाना भी शामिल हैं। त्रिफला चूर्ण के फायदे विस्तार से नीचे दिए गए हैं:
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पाचन क्रिया में सुधार और कब्ज को दूर करने में सहायक
त्रिफला आंतों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हरीतकी, बिभितकी, और आंवला, यह तीनों चीजें ही पाचन क्रिया में सुधार करने में और कब्ज दूर करने में मदद करती हैं। नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से आपके आंतों की सफाई होती है। पेट साफ रहता है और आपकी भूख भी बढ़ती है।
वजन नियंत्रण करने में सहायक
त्रिफला चूर्ण वजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। मोटापा और बढ़ा हुआ वजन डायबिटीज के लिए खतरनाक है इसलिए वजन नियंत्रण करना बहुत जरुरी है, जिसमें त्रिफला मददगार है।
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मधुमेह पर नियंत्रण: शुगर के स्तर को संतुलित करना
डायबिटीज रोगियों के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे बहुत हैं। त्रिफला चूर्ण में मौजूद बिभितकी ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकता है।
आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद
आँख के स्वास्थय के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे हैं। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आँख के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा यह आँख को और बीमारियों से भी बचाता है।
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
त्रिफला चूर्ण के फायदे में मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना भी शामिल है। यह स्ट्रेस को कम करने और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है, जिससे आपका मन शांत और स्वस्थ रहता है। त्रिफला का नियमित सेवन ध्यान और योग की प्रैक्टिस के साथ मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
हृदय और रक्तदाब की सेहत
त्रिफला चूर्ण में मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व दिल के लिए फायदेमंद है। त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन करने से दिल को मजबूती मिलती है।
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त्रिफला का उपयोग कैसे-कैसे कर सकते हैं?
त्रिफला का उपयोग हम किस-किस तरह से कर सकते हैं, इसके बारे में हमने नीचे विस्तार से बताया है:
- रात को सोते समय हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेने से कब्ज दूर होती है।
- त्रिफला चूर्ण आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद है।
- शाम को एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगो कर सुबह छान कर उसका पानी से पीने से मुँह के छाले ठीक होते हैं।
- त्रिफला के पानी से आंखें धोने से रोशनी बढ़ती हैं।
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण में 10 ग्राम देशी घी और 5 ग्राम शहद मिलाकर रोज खाने आँखों का मोतियाबिंद, काँचबिंदु, कमजोर नजर आदि नेत्ररोग दूर होते हैं।
- दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फुंसी जैसी स्किन बीमारियों से बचने के लिए सुबह-शाम 1-1 चम्मच त्रिफला चूर्ण लेना चाहिए।
- त्रिफला पाचन और भूख को बढ़ाने वाला और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने वाला है।
- मोटापा कम करने के लिए त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर ले। त्रिफला चूर्ण पानी में उबालकर, शहद मिलाकर पीने से चरबी कम होती है।
- त्रिफला का सेवन मूत्र-संबंधी सभी विकारों व मधुमेह में बहुत लाभकारी है। प्रमेह आदि में शहद के साथ त्रिफला लेने से अत्यंत लाभ होता है।
- त्रिफला की राख शहद में मिलाकर गरमी से हुए त्वचा के चकतों पर लगाने से राहत मिलती है।
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त्रिफला चूर्ण का सेवन किसे नहीं करना चाहिए:
त्रिफला चूर्ण का सेवन किसे नहीं करना चाहिए इसके बारे में नीचे बताया गया है:
- गर्भवती महिलाओं को त्रिफला चूर्ण लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से गर्भावस्था में समस्याएँ हो सकती हैं।
- डायबिटीज रोगियों को भी त्रिफला चूर्ण लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका सेवन शुगर लेवल प्रभावित कर सकता है।
- छोटे बच्चों को त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- यदि आपको किसी भी तरह की त्रिफला चूर्ण से जुड़ी अलर्जी हो, तो आपको इसका सेवन करना चाहिए।
- त्रिफला चूर्ण को किसी और दवा के साथ नहीं लेना चाहिए, इसलिए त्रिफला चूर्ण लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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त्रिफला की सही खुराक और उपयोग का समय
त्रिफला चूर्ण के फायदे जानने के साथ यह भी जानना जरुरी है कि त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल कब और कितना करना चाहिए। त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के लिए सबसे अच्छा समय रात को सोने से पहले होता है। त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करना अच्छा होता है, क्योंकि गर्म पानी से यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। त्रिफला चूर्ण की सही मात्रा पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। वयस्कों के लिए 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले, गर्म पानी के साथ सही होता है।
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FAQ
त्रिफला चूर्ण कौन सी बीमारी में काम आता है?
आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार त्रिफला का सेवन करने वाले व्यक्तियों को हृदयरोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, नेत्ररोग, मोटापा कब्ज जैसी बिमारियों में आराम मिलता है।
सुबह खाली पेट त्रिफला चूर्ण खाने से क्या होता है?
सुबह खाली पेट त्रिफला चूर्ण खाने से पेट साफ होता है, पाचन सुधरता है, और शरीर को पोषण मिलता है।
क्या त्रिफला चूर्ण रोज़ खा सकते हैं?
हाँ, आप त्रिफला चूर्ण को नियमित रूप से खा सकते हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। सामान्यत: दिन में एक बार, या चिकित्सक के सुझाव के अनुसार खाया जा सकता है।
क्या त्रिफला लिवर के लिए अच्छा है?
त्रिफला चूर्ण लिवर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुधारता है और विषाक्तिकरण कार्य में मदद कर सकता है।
उम्मीद है आपको इस ब्लॉग से त्रिफला चूर्ण के फायदे के बारे में जानकारी मिल गई होगी। स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी ही महत्पूर्ण जानकारी और एक सही डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में जानने के लिए BeatO के साथ बने रहिये।
डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।