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अनबीटेबल | मुनीश दुग्गल – “Beato के साथ मेरा HbA1c 6.5% से घटकर 5.9% हो गया”

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अनबीटेबल | मुनीश दुग्गल
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मुनीश दुग्गल
48 साल, नई दिल्ली
टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित

मुनीश दुग्गल की उम्र 48 हैं। वह अपनी पत्नी, बच्चों और मां के साथ नई दिल्ली में रहते हैं। वह एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में काम करते है। उन्हें 2018 में यह पता चला कि उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ है।

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“2018 में, मेरी कंपनी ने एक रेगुलर मेडिकल चेक अप करवाया और तभी मुझे पता चला कि मुझे टाइप 2 डायबिटीज़ है। मेरे पिता को भी डायबिटीज़ थी, इसलिए यह मेरे लिए कोई हैरानी वाली बात नहीं थी। फिर मैंने तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह ली क्योंकि मैं अपनी स्थिति पर नियंत्रण रखना चाहता था।”

वह Beato के साथ अपने सफर के बारे में बताते हैं-

“मुझे सोशल मीडिया के जरिए Beato के बारे में पता चला। जब अक्टूबर 2020 में मुझे BeatO के बारे में पता चला उस समय मैं एक अच्छे और सस्ते ग्लूकोमीटर की तलाश में था ।

पहले मुझे अपनी शुगर रीडिंग लिखनी पड़ती थी। लेकिन फिर मुझे पता चला कि BeatO रीडिंग को रिकॉर्ड करने के लिए एक बेहतर विकल्प दे रहा था, जिससे मुझे डायबिटीज़ मैनेजमेंट में बहुत सुविधा हुई।

उनका कहना है कि उनके हेल्थ कोच ने जिन बदलावों का सुझाव दिया था, उन सभी चीजों को अपनी दिनचर्या  में शामिल करना उन के लिए बेहद आसान था।

“Beato के बारे में मुझे जो सबसे अच्छी बात पसंद है वह यह है कि मेरे हेल्थ कोच ने मुझे धीरे-धीरे बदलाव करने की सलाह दी, न कि उन्होंने मुझे तुरंत मेरी डाइट और जीवन शैली में बदलाव करने के लिए कहा। उन्होंने मेरे तनाव को कम करने और उसे मैनेज करने में भी मेरी बहुत मदद की जिस कारण मैं अपनी डायबिटीज़ को सही तरह से कंट्रोल कर पाया हूँ । उन्होंने मुझे यह भी सलाह दी कि मुझे अपने सोने का समय भी तय कर लेना चाहिए और एक हेल्दी रूटीन को फॉलो करना चाहिए।”

Beato के साथ मुनीश के स्वास्थ्य और डायबिटीज़ मैनेजमेंट में बहुत अच्छे सुधार हो रहे हैं। दो साल के दौरान उनका HbA1c 6.5% से घटकर 5.9% हो गया है। उन्होंने 10 किलो से ज्यादा वजन भी कम किया है। उनकी फास्टिंग रीडिंग 130 mg/dL से घटकर 110 mg/dL हो गई है।

उनका कहना है कि उनके स्वास्थ्य कोच द्वारा की गयी मदद के कारण ही उनकी डायबिटीज़ में सुधार संभव हो पाया है । मुनीश के हेल्थ कोच उन को डायबिटीज़ से होने वाली समस्याओं को हराने के इस सफ़र का एक एहम हिस्सा रहे है।

“मेरे स्वास्थ्य कोच ने मुझे मेरे जीवन में होने वाले छोटे – छोटे सुधारों के बारे में बताया जिससे मुझे और ज्यादा आत्मविश्वास मिला साथ ही मेरी डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने मुझे हर समय प्रेरित किया। मेरे हेल्थ कोच ने इस बात पर भी मेरा मनोबल बढ़ाया कि, कैसे  मैं अपनी जीवनशैली और खान – पान में सुधार कर के भी बिना किसी दवाई के रह सकता हूं और अपने शुगर को कंट्रोल कर सकता हूँ ।

“जब भी मेरा शुगर लेवल हाई रेंज में होता है, तो मुझे तुरंत मेरे हेल्थ कोच का फोन आता है। वह मुझे यह समझने में मदद करती है कि मेरे शुगर लेवल में उस उतार-चढ़ाव का क्या कारण हो सकता है। उन के द्वारा मुझे उस मौजूदा स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत एक सही सलाह मिलती है।

मुझे अपने वजन को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए मेरे हेल्थ कोच ने लो-कार्ब आटे के सेवन की सलाह दी और तब से ही मैं और मेरी पत्नी दोनों ने  इसे अपनी डेली डाइट के हिस्से के रूप शामिल किया।”

यह भी पढ़ें: अनबीटेबल- सतीश राव – Beato के साथ खाने के बाद मेरी रीडिंग 250 mg/dL से घटकर 150 mg/dL हो गई

Beato के साथ अपने अनुभव को सारांशित करते हुए वे कहते हैं-

क्योंकि मैं बहुत ज्यादा ट्रेवल करता हूं, तो ऐसे में Beato का ग्लूकोमीटर पाउच मुझे कही भी ले जाने में बेहद आसानी रहती है। मैं Beato ऐप पर उपलब्ध सभी सुविधाओं का इस्तेमाल करता हूं। मैंने कई लोगों को इस बेहतरीन ऐप को इस्तेमाल करने की सलाह दी है। Beato ऐप के कारण अब मेरी सभी शुगर रीडिंग एक ही जगह पर उपलब्ध हैं। इस से मुझे अपनी डायबिटीज़ मैनेजमेंट में होने वाले हर एक सुधार का आसानी से पता लग जाता है।

 मुनीश जी अपने खाली समय में फाइनेंस से जुड़ी पुस्तकें पढ़ना पसंद करते हैं। वह अपने परिवार के साथ बाहर जाना और एक अच्छा समय बिताना भी पसंद करते हैं। Beato  के केयर प्रोग्राम से जुड़ने के बाद वह अब तनाव मुक्त जीवन जी रहें है और अपने जीवन के हर छोटे पल का आनंद ले रहें है। उनके डायबिटीज़ मैनेजमेंट के इस सफर में उनके परिवार का भी बेहद सहयोग रहा है। उन के परिवार के सदस्य हमेशा उन्हें अपने शुगर लेवल की जांच करने के लिए याद दिलाते रहते हैं, और डायबिटीज़ मैनेजमेंट के इस सफ़र में  उन्हें हमेशा प्रेरित करते है।

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Jyoti Arya

Jyoti Arya

एक पेशेवर आर्टिकल राइटर के रूप में, ज्योति एक जिज्ञासु और स्व-प्रेरित कहानीकार हैं। इनका अनुभव चर्चा-योग्य फीचर लेख, ब्लॉग, समीक्षा आर्टिकल , ऑडियो पुस्तकें और हेल्थ आर्टिकल लिखने में काफ़ी पहले से है ।ज्योति अक्सर अपने विचारों को काग़ज़ पे लाने और सम्मोहक लेख तैयार करने में व्यस्त रहती हैं, और पढ़को को मंत्रमुग्ध करें देती हैं।

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