अश्वगंधा जिसे भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है यह विथानिया सोम्नीफेरा , एशिया और अफ्रीका की मूल जड़ी-बूटी है। अश्वगंधा के फायदे अद्भुत रहें है और इस्तेमाल भारतीय चिकित्सा में काफी साल से किया जा रहा है। अश्वगंधा के फायदे एक नहीं कई है, इस का उपयोग हजारों वर्षों से पारंपरिक भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में दर्द और सूजन को कम करने, अनिंद्र का इलाज करने और पोषण को बढ़ावा देने के साथ -साथ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है। साथ ही अश्वगंधा को शारीरिक तनाव को कम करने के लिए भी कारगर माना जाता है। इस ब्लॉग में हम अश्वगंधा के फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।
यह भी पढ़े: डायबिटीज में काजू खाने के फायदे
अश्वगंधा क्या है-
विशेषज्ञ का मानना है कि अश्वगंधा के फायदे कई तरह के है। अश्वगंधा अपने टॉनिक गुण के लिए जाना जाता है। अश्वगंधा के यह हर्बल या मैटेलिक फ़ॉर्मूलेशन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अश्वगंधा की गंध बहुत तेज होती है। जंगलों में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता अच्छी होती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीफ्लेमेटेरी, एंटी स्ट्रेस और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। लेकिन अश्वगंधा के फायदे अपने जीवन में शामिल करने से पहले और इसका सेवन करने से पहले एक बार आयुर्वेद के डॉक्टर से इस बारे में अवश्य परामर्श करना चाहिए।
यह भी पढ़े: क्या डायबिटीज़ रोगी पनीर का सेवन कर सकते हैं?
अश्वगंधा के फायदे-
मानव शरीर के लिए अश्वगंधा के फायदे इस प्रकार है-
1) नींद की समस्या का समाधान –
अश्वगंधा के फायदे में सब से पहले आता है इस का अनिंद्रा की समस्या के लिए मददगार होना। समय की जीवनशैली के चलते अधिकतर लोग नींद न आने या फिर नींद न पूरी होने की समस्या से परेशान है। रात में अच्छी नींद नहीं आने के कारण आप पूरे दिन आलस महसूस करते हैं। आप दिन का सही तरह से इस्तेमाल भी नहीं कर पाते हैं और जिस कारण आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए आपको हर रोज़ कम से कम आठ घंटे की नींद ज़रूर लेनी चाहिए। अगर आपको रात में अच्छे से नींद नहीं आती है तो अश्वगंधा का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि इसकी पत्तियों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल मौजूद होता है जो नींद से जुड़ी समस्या को दूर कर आपको पर्याप्त और अच्छी नींद लेने में काफी हद तक मदद कर सकता है।
2) डायबिटीज नियंत्रण में मदद –
डायबिटीज से ग्रसित व्याक्ति के लिए अश्वगंधा के फायदे महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। जिस के द्वारा डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अश्वगंधा मानसिक और शारीरिक दोनों स्थितियों के लिए स्वास्थ्य लाभ देता है। यह हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है। एक अध्ययन में पाया गया कि अश्वगंधा मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। लेकिन डायबिटीज से पीड़ित होने की स्थिति में आपको अश्वगंधा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से मिलकर इसके इस्तेमाल और खुराक के बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए।
3) तनाव से मुक्ति –
आज के समय की दिनचर्या कुछ ऐसी हो चुकी है कि आप सुबह से लेकर शाम तक इतने व्यस्त रहते है कि आप को अपने लिए समय ही नहीं मिलता। जिसकी वजह से आप तनाव का शिकार हो जाते हैं। तनाव होने से आपके निजी जीवन और काम पर बुरा असर पड़ सकता है, आप हमेशा चिड़चिड़े हते हैं जो आपकी सेहत के साथ साथ आपके परिवार के लिए भी अच्छा नहीं है। ऐसे में अपने तनाव को आप अश्वगंधा की मदद से बहुत आसानी से काफी कम समय में अपने तनाव को दूर कर सकते हैं। इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाए जाते हैं जो तनाव नियंत्रण का काम करते हैं।
4) कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है –
अश्वगंधा में एंटी-ऑक्सीडेंट और एन्टीइन्फेलेंटरी गुण पाए जाते हैं जो हृदय संबंधित बीमारियों और समस्याओं को दूर रखने का काम करते हैं। साथ ही यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का काम भी करते हैं। कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित परेशानियों से दूर रखने के लिए आप इस विशेष आयुर्वेदिक जड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।अगर आप अपने शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो इसके लिए अश्वगंधा का सेवन करें।
5) संक्रमण से लड़ता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है-
अश्वगंधा संक्रमण से लड़ने, बुखार ठीक करने और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए लोकप्रिय माना जाता है।अश्वगंधा के फायदे में शामिल है कि यह त्वचा और स्वास्थ्य के लिए इसके असंख्य लाभों के कारण इस का उपयोग शिशुओं के लिए शारीरिक मालिश तेल के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा सूजन वाली या संवेदनशील त्वचा को शांत करता है। इसलिए, यह शिशुओं की संवेदनशील त्वचा के लिए एक अच्छा विकल्प है।
यह भी पढ़े: डायबिटीज और आहार: जानिए डायबिटीज में क्या खाएं और क्या नहीं
अश्वगंधा के सेवन का सही तरीका
अश्वगंधा कई रूप में उपलब्ध होता है लेकिन सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल पाउडर के रूप में किया जाता है। आप अश्वगंधा के पाउडर को पानी, शहद या घी में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। आप चाहें तो बाजार से अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय या फिर अश्वगंधा रस खरीद कर अपनी आवश्यकता अनुसार उनका भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। अश्वगंधा की खुराक हर किसी की शारीरिक स्थिति के अनुसार अलग अलग हो सकती है।
यह भी पढ़े: डायबिटीज़ रोगियों के लिए हेल्दी ड्रिंक्स | डायबिटीज़ रोगियों को किस तरह की ड्रिंक पीनी चाहिए ?
अश्वगंधा के साथ बरती जाने वाली सावधानियां
कुछ स्थितियों में अश्वगंधा के उपयोग से बचना चाहिए जैसे:
- प्रेग्नेंसी में
- बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान
- ऑटोइम्यून रोगों में (ऐसी स्थितियां जिनमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के अपने ही टिशू पर हमला करती है)
- हाल ही में कोई सर्जरी हुई हो या अगर आगे कोई सर्जरी होने वाली हो
- थायराइड डिसऑर्डर में
- यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की दवा ले रहे हैं
यह भी पढ़े: डायबिटीज और डिहाइड्रेशन का क्या संबंध है?
निष्कर्ष-
अश्वगंधा नर्वस सिस्टम, रेस्पेरेटरी और रिप्रोडक्टिव सिस्टम्स के साथ साथ शरीर को दूसरी भी कई तरह से फायदा पहुंचाता है। इस आयुर्वेदिक औषधि के अंदर, शरीर को ऊर्जा और आराम देकर अच्छी और गहरी नींद लाने, आँखों की रौशनी बढ़ाने, बालों को स्वस्थ रखने, कब्ज, गैस, चोट और जख्म को दूर करने, त्वचा को खूबसूरत बनाने वाले गुण है। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इस का सेवन करने से बचे।
BeatO के मुख्य क्लीनिकल अधिकारी, डॉ. नवनीत अग्रवाल के साथ बेहतरीन डायबिटीज केयर प्राप्त करें। डायबिटीज में उनके 25+ वर्ष के अनुभव के साथ सही मार्गदर्शन प्राप्त करें। इसके आलावा यदि आप ग्लूकोमीटर ऑनलाइन खरीदना चाह रहे हैं या ऑनलाइन हेल्थ कोच बुक करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। Beatoapp घर बैठे आपकी मदद करेगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।