ब्लड टेस्ट, जिसे हिंदी में रक्त परीक्षण भी कहा जाता है, एक आम चिकित्सा प्रक्रिया है जो डॉक्टरों को आपके स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। यह टेस्ट विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य विकारों का पता लगाने, बीमारियों का निदान करने और उपचारों का मूल्यांकन करने में मदद करता है। आपने शायद ब्लड की कई तरह के टेस्ट के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी जी6पीडी (G6PD) टेस्ट के बारे में सुना है? यह टेस्ट आपके ब्लड में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) नामक एंजाइम के स्तर को मापता है। यह एंजाइम लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के समुचित कार्य के लिए आवश्यक होता है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानें कि जी6पीडी टेस्ट क्या है, इसका क्या महत्व है, और इसे कब करवाना चाहिए।
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जी6पीडी टेस्ट क्या होता है?
जी6पीडी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि आपके शरीर में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज नामक एंजाइम की कमी है या नहीं। दरअसल ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज नामक यह एंजाइम लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रहने और कार्य करने में मदद करता है। हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है। ये कोशिकाएं ही हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। यदि लाल रक्त कोशिकाएं स्वस्थ नहीं रहती हैं, तो इसका हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं का अस्वस्थ्य रहना हमारे शरीर में एनीमिया, सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया रोगों का कारण बनता है।
कितना जरूरी है ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज
ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) एक महत्वपूर्ण एंजाइम है जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को स्वस्थ रहने और कार्य करने में मदद करता है। यह एंजाइम RBCs को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है। ऑक्सीडेटिव तनाव तब होता है जब शरीर में मुक्त कणों का उत्पादन होता है, जिसके द्वारा हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।
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कैसे होता है जी6पीडी टेस्ट
जी6पीडी टेस्ट कई चरणों में पूरा किया जाता है। आइए जानते है कि इसको पूर्ण करने की क्या प्रक्रिया होती है-
- जैसा कि हम जानते हैं कि जी6पीडी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट होता है। इसीलिए इस टेस्ट को कराने से पहले आपको कुछ घंटों तक कुछ भी खाने या पीने से बचना पड़ सकता है। इसके अलावा यदि आप कोई विशेष दावा का सेवन कर रहे हैं तो टेस्ट कराने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए, क्योंकि कुछ दवाएं परीक्षण के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।
- इस टेस्ट को करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी आपके बांह की नस से ब्लड सैंपल लेता है। बांह के जिस जगह से ब्लड सैंपल लिया जाता है, उस जगह को एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है। फिर एक सुई डालकर ब्लड को निकाला जाता है।
- आपकी नसों से लिए गए ब्लड सैंपल को जी6पीडी के लेवल को पता लगाने के लिए टेस्टिंग लैब में भेजा जाता है। इस टेस्ट के परिणाम आने में 2 से 3 दिन लग सकते हैं।
- लैब में आपके ब्लड का टेस्ट करके परिणाम निकला जाता है। जी6पीडी टेस्ट के परिणामों को आमतौर पर यूनिट/ग्राम हीमोग्लोबिन (U/g Hb) में व्यक्त किया जाता है।
- टेस्ट के परिणाम आने के बाद डॉक्टर आपकी रिपोर्ट को देखकर आपके लिए जरूरी परामर्श और दवाओं के बारे में बताता है।
जी6पीडी टेस्ट के मानक क्या है
आपके स्वास्थ्य को सही रखने के लिए किसी भी टेस्ट का एक मानक बनाया गया जो आपके ब्लड के बारे में सही जानकारी देता है। जब भी आप कोई ब्लड टेस्ट कराकर आते है तो आपको जो रिपोर्ट मिलती है उसे समझने में आपको काफी दिक्कत होती है। जी6पीडी टेस्ट के भी मानक निर्धारित किए गए हैं। सामान्य स्तर पर जी6पीडी के मानक वयस्कों के लिए 8.6 से 18.6 U/g Hb के मध्य होते हैं और नवजात शिशुओं के लिए 5.6 से 13.6 U/g Hb के मध्य होते है। इन्हीं मानकों को आधार बनाकर देखा जाता है कि यदि आपका जी6पीडी लेवल सामान्य सीमा के भीतर है, तो इसका मतलब है कि आपके पास पर्याप्त मात्रा में जी6पीडी एंजाइम है और आपको इसकी कमी होने की संभावना नहीं है। वहीं अगर आपका जी6पीडी लेवल सामान्य सीमा से कम है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपको जी6पीडी एंजाइम की कमी है।
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क्यों होती है जी6पीडी एंजाइम की कमी
मुख्य रूप से जी6पीडी एंजाइम की कमी एक आनुवंशिक विकार है जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को प्रभावित करता है। जी6पीडी एंजाइम की कमी वाले लोगों में, यह एंजाइम कम मात्रा में होता है या अनुपस्थित होता है, जिसके कारण RBCs टूट सकते हैं। इसे हेमोलिटिक एनीमिया कहा जाता है। इस एंजाइम की कमी होने पर आपको कुछ खाद्य पदार्थों, दवाओं या रसायनों का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपकी लाल रक्त कोशिकाएं टूटने लगती हैं।
जी6पीडी एंजाइम की कमी होने पर दिखाई देने वाले लक्षण
जी6पीडी एंजाइम की कमी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और इनमें शामिल हो सकते हैं। इनके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है-
- थकान
- कमजोरी
- पीलिया
- तेज़ बुखार
- पेशाब का गहरा रंग होना
- पेट में दर्द
इसके कुछ गंभीर लक्षण भी होते है। ये लक्षण इस प्रकार है-
- तीव्र हेमोलिटिक एनीमिया: यह एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें RBCs का तेजी से टूटती है। इसके लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और चक्कर आना शामिल हैं।
- नवजात शिशुओं में पीलिया: यह जन्म के कुछ दिनों के भीतर होता है और गंभीर हो सकता है।
- लीवर का बढ़ जाना: इसमें लीवर का आकार बढ़ सकता है, जिससे पेट में दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
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जी6पीडी की कमी के उपाय
वैसे तो एक आनुवंशिक विकार है लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखकर आप इसकी जटिलता को रोक सकते है-
- इसकी कमी होने पर आपको एंटीबायोटिक्स, एंटी-मलेरिया दवाएं, और पेन किलर का सेवन करने से बचना चाहिए।
- फावा बीन्स का सेवन भी G6PD की कमी वाले लोगों में हेमोलिटिक प्रतिक्रिया का सबसे आम कारण हैं। इसीलिए इन्हें खाने से पूरी तरह से बचना चाहिए।
- कुछ लोगों में, सोया बीन्स, मटर, मसूर की दाल, ब्लूबेरी, प्याज और विभिन्न प्रकार की फलियाँ हेमोलिटिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं। अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ सुरक्षित हैं।
- इस कमी से गुजरने वाले लोगों के लिए फोलिक एसिड का सेवन करना काफी सुरक्षित माना जाता है। फोलिक एसिड एक विटामिन है जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है।
- इस एंजाइम की कमी होने पर आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें ताकि वे आपकी स्थिति की निगरानी कर सकें और किसी भी जटिलता का जल्दी पता लगा सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: क्या जी6पीडी टेस्ट खाली पेट कराना चाहिए?
उत्तर: जी6पीडी टेस्ट को खाली पेट कराने की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय कराया जा सकता है, चाहे आपने भोजन किया हो या नहीं। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में जब डॉक्टर सलाह दे तब आपको इसे खाली पेट कराना होता है।
सवाल: जी6पीडी टेस्ट में कितना खर्चा आता है?
जवाब: आपको जी6पीडी टेस्ट के लिए 800 से 900 रुपए देने होंगे।
सवाल: जी6पीडी एंजाइम की कमी क्यों होती है?
जवाब: जी6पीडी एंजाइम की कमी एक जेनेटिक बीमारी है। इसकी कमी से लाल रक्त कोशिकाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
सवाल: जी6पीडी एंजाइम की कमी के सामान्य लक्षण क्या है?
जवाब: आपको इस एंजाइम की कमी के लक्षण थकान, कमजोरी, बुखार और पीलिया के रूप में देखने को मिल सकते हैं।
उम्मीद करते है आपको हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से जी6पीडी टेस्ट से जुड़ी सभी जानकारी मिल गई होगी। स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी ही महत्पूर्ण जानकारी और एक सही डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में जानने के लिए BeatO के साथ बने रहिये।
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डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।