अविपत्तिकर चूर्ण सेवन के हैं कई फायदे (Avipattikar Churna Benefits in Hindi), जानें खाने का सही तरीका

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Avipattikar Churna Benefits in Hindi: आज के समय में पेट को सही रखना एक बहुत बड़ा टास्क है. हाल के समय में अगर किसी का एक महीने तक पेट एकदम सही रह जाए तो यह उसके लिए किसी अवॉर्ड से कम नहीं हैं. क्योंकि हमारी लाइफस्टाइल और खान-पान ऐसा हो चुका है कि कब्ज, गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं बहुत ही ज्यादा आम हो चुकी है. अगर आप इस तरह के समस्याओं से परेशान रहते हैं तो आप आयुर्वेदिक औषधि अविपत्तिकर चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह चूर्ण न केवल पेट से संबंधित बीमारियों को दूर करता है, बल्कि इसका सेवन करने के कोई साइड-इफेक्ट्स भी नहीं हैं. हम यहां पर आपको अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे (Avipattikar Churna Benefits in Hindi) के बारे में बता रहे हैं, और इसे खाने से कौन-कौन सी बीमारियां दूर होती है.

क्या है अविपत्तिकर चूर्ण

इस चूर्ण को कई जड़ी बूटियों और खनिजों के मिश्रण से बनाया जाता है. इसका मुख्य रूप से काम पाचन को बेहतर करना और सिड रिफ्लक्स और सीने में जलन के लक्षणों से राहत देना है. वहीं, इस चूर्ण के नाम अविपत्तिकर का मतलब ही “शरीर से अतिरिक्त एसिड को हटाना” है. इस चूर्ण को आंवला, काली मिर्च, लोंग समेत विभिन्न सामग्री को एक साथ मिलाकर किया जाता है. इसका इस्तेमाल एसिडिटी, कब्ज समेत कई पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. साथ ही यह पाचन एंजाइम्स को बनाने में भी मदद करता है. आइये जानते हैं कि अविपत्तिकर चूर्ण को कैसे बनाया जाता है और अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे क्या-क्या है.

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अविपत्तिकर चूर्ण बनाने का तरीका (How to Make Avipattikar Churna in Hindi)

इस चूर्ण को कई जड़ी बुटियों और खनिज से बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए तेजपत्ता, लौंग, विड नमक,सोंठ, छोटी पिप्पली, काली मिर्च, बायबिड़ग, मिश्री, हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, छोटी इलायची और निशोथ की जरूरत होती है.

  • इस चूर्ण को घर पर बनाने के लिए सबसे पहले आप मिश्री और मिशोथ को छोड़कर सभी को 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर पीस लें.
  • इसके बाद मिश्री 660 ग्राम और निशोथ 440 ग्राम लें.
  • सभी सामग्रियों को पीसने के बाद इस साथ अच्छे से मिला लें. इसके बाद आप इस चूर्ण को एक जार में रख दें.
  • हमारी आपको सलाह है कि इस चूर्ण का इस्तेमाल आप डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही करें.

अविपत्तिकर चूर्ण लेने का सही तरीका

इस चूर्ण को खाना खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाता है. इसका सेवन आपको डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही करें. वह आपको आपकी समस्या के मुताबिक इसका सेवन करने का तरीका और मात्रा बताते हैं. वैसे इसका सेवन एक दिन में 10 ग्राम से ज्यादा नहीं करना चाहिए. इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श के बिना नहीं करें.

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इन रोगों को दूर करता है अविपत्तिकर चूर्ण

  • आंतों के इंफेक्शन
  • आंतों की सूजन
  • आंत के अल्सर
  • सीने की जलन
  • पेट में एसिड बनने की समस्या
  • पेट फूलना
  • मितली आने की समस्या
  • भूख ना लगना
  • पॉटी ठीक से ना होना
  • गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल डिजीज

अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे (Avipattikar Churna Benefits in Hindi)

  • अगर आपको खट्टी डकारें, छाती में जलन की समस्या से परेशान है तो आप इस चूर्ण का सेवन कर सकते हैं. इसमें एंटासिड होता है, जो एसिडिटी की समस्या को दूर करने में सहायक होता है. इसका सेवन करने से पेट में गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या से निजात मिलता है.
  • इस चूर्ण को कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए बेहद कारगर माना जाता है. ये खाने को अच्छे से पचाने में मदद करता है, जिससे आफका पेट बेहद अच्छी तरह से साफ होता है. इसके साथ ही इसका सेवन करने से पेट में जलन की समस्या भी दूर होती है.
  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपके शरीर से हानिकारक यानी विषाक्थ पदार्थो को बाहर निकालते हैं. इसका सेवन करने से आंतों की सफाई करने में फायदा मिलता है. ये चूर्ण शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है.

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  • इसका सेवन करने से पेशाब करने में होने वाली समस्या दूर होती है यानी इसका सेवन करने से पेशाब खुलकर निकलती है. दरअसल इसमें डियूरेटिक्स गुण पाए जाते हैं. जिससे इस समस्या से राहत मिलती है.
  • इसका इस्तेमाल आप भूख बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं. अगर आपको भूख नहीं लगती है, तो आप इसका सेवन कर सकते हैं. रोजाना इसका सेवन करने से पाचन बेहतर होता है और भूख अच्छी लगती है. दरअसल इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट में दर्द और सूजन को भी कम करता है.
  • ये स्किन के सेहत के लिए लाभदायक होता है. इसका सेवन करने से स्किन क्लीन और हेल्दी होती है. साथ ही सूजन भी कम होता है. वहीं, यह मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्किन में सुधार होता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, स्किन को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है.
  • इसका रोजाना सेवन करने से तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है. इसका सेवन करने से मन शांत रहता है और मूड बेहतर होता है. साथ ही नींद भी अच्छी आती है.
  • इसका सेवन करने से फेफड़े काफी अच्छे से काम करते हैं. ये श्वास मार्ग को साफ करने में मदद करता है. इसका सेवन करने से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस से संबंधित समस्याओं को दर करता है. साथ ही यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है, जो आपको फेफड़ों से संबंधित समस्याओं को दूर रखता है.

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