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गर्भवती महिलाओं के लिए बीटा एचसीजी टेस्ट क्या है? जानें इसके फायदे

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शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) हार्मोन की मौजूदगी की जांच के लिए बीटा एचसीजी टेस्ट किया जाता है। आमतौर पर यह टेस्ट महिलाओं में गर्भावस्था का पता लगाने के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिला के गर्भ में विकसित हो रहे भ्रूण द्वारा एचसीजी हार्मोन उत्पन्न होता है। यह हार्मोन प्रेगनेंसी की पहचान करने में मदद करता है। जो महिला गर्भवती हैं उनमें एचसीजी उच्च स्तर में पाया जाता है। इस टेस्ट का भ्रूण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

एचसीजी टेस्ट के परिणामों से डॉक्टर को गर्भावस्था के कई पहलुओं का निदान करने और पुष्टि करने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं में उत्पन्न होने वाला एचसीजी हार्मोन उनके गर्भावस्था के चरण और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानने में काफी मदद करता है। आइए बीटा एचसीजी टेस्ट और उसके फायदे एवं इससे जुड़ी अन्य जानकारियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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बीटा एचसीजी क्या है?

एचसीजी हार्मोन प्लेसेंटा के रूप में बनने वाले सेल्स उत्पन्न करती हैं, जो प्रांरभिक गर्भावस्था की पहचान और मॉनिटरिंग करने में सहायक होता है। गर्भाधारण के तुरंत बाद ब्लड और यूरिन से एचसीजी हार्मान की पहचान होती है, जो गर्भावस्था की जांच के लिए बहुत जरूरी होता है।

गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में एचसीजी हार्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है। प्रति 48 से 72 घंटे में ये दोगनु हो जाते हैं। एचजीसी हार्मोन कॉर्पस लूटियम को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है, जो गर्भावस्था के प्रांरभिक चरणों में प्रोजेस्टेरोन उत्पन्न करता है। भ्रूण निस्थान के लिए गर्भाशयी रेखा को बनाए रखने में प्रोजेस्टेरोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और फिर यह फैटल विकास के प्रारंभिक चरणों में मदद करता है।

एचसीजी टेस्ट क्यों किया जाता है?

  • महिला में गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए।
  • भ्रूण की उम्र पता करने के लिए।
  • असाधारण गर्भावस्था के इलाज के लिए।
  • संभावित गर्भवात की स्थिति के इलाज के लिए।
  • डाउन सिंड्रोम (क्रोमोसोमल असामान्यता) के लिए।

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एचसीजी टेस्ट क्यों है जरूरी?

  • गर्भावस्था का पता लगाना: महिला में गर्भावस्था का पता लगाने के लिए एचसीजी टेस्ट करना जरूरी होता है। अगर एचसीजी का स्तर 5 एमआईयू/एमएल से अधिक होता है तो इसका मतलब है कि महिला गर्भवती है। बता दें कि गर्भावस्था के दस दिनों के अंदर एचसीजी का स्तर बढ़ जाता है।
  • स्वस्थ्य गर्भावस्था: गर्भावस्था के प्रत्येक हफ्ते में एचसीजी मूल्यों की एक श्रृंखला बनती है। अगर इस दौरान एचसीजी का स्तर गिरता है तो यह स्वस्थ्य गर्भावस्था का संकेत है। ऐसे में इसकी निगरानी करना आवश्यक हो जाता है।
  • गर्भपात की संभावना: अगर एचसीजी टेस्ट का स्तर लगातार सांकेतिक स्तर से कम है तो ऐसी संभावना है कि गर्भावस्था जारी नहीं रहेगी और समाप्त हो जाएगी।
  • एक्टोपिक गर्भावस्था: जब भ्रूण गर्भाशय के बजाय फैलोपियन ट्यूब के अंदर रहता है तब एक्टोपिक गर्भावस्था की स्थिति बन जाती है।
  • एकाधिक गर्भधारण: एचसीजी का उच्च स्तर लगातार एकाधिक गर्भधारण का संकेतक होता है। एचसीजी के स्तर में धीमी वृद्धि होती है। इससे शरीर के रसायन के उत्पादन को बढ़ाने में समय लगता है।
  • भ्रूण की आयु: एचसीजी टेस्ट के जरिए भ्रूण की आयु का पता लगाया जा सकता है। भ्रूण के बढ़ने के साथ ही मां के शरीर से अधिक मात्रा में एचसीजी का उत्पान होने लगता है।

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बीटा एचसीजी टेस्ट करने की प्रक्रिया:

  • स्वास्थ्यकर्मी आपके बांह की नस से ब्लड सैंपल लेता है। बांह के जिस जगह से ब्लड सैंपल लिया जाता है, वहां एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है। फिर एक सुई डाली जाती है, ताकि ब्लड को निकाला जा सके। यूरिन में एचसीजी का पता लगाने में लगभग दो हफ्ते लग जाते हैं। गर्भावस्था की प्रगति का संकेत ऐसे मिलता है जब निषेचित अंडे के जुड़ाव के बाद हर 2 से 3 दिनों में एचसीजी का स्तर बढ़ जाता है।
  • ब्लड सैंपल लेने के बाद उसे विश्लेषण के लिए एक लैब में भेजा जाता है। जहां ब्लड में मौजूद एचसीजी का स्तर विशेष उपकरण की मदद से मापा जाता है।
  • लैब से रिपोर्ट प्राप्त किए जाते हैं, जिसमें एचसीजी की मात्रा को दर्शाया जाता है। एचसीजी को आईयू/एल में मापा जाता है।
  • प्रारंभिक गर्भावस्था या फर्टिलिटी का इलाज के दौरान गर्भावस्था की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए सीरियल मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है।
  • बीटा एचसीजी टेस्ट के रिजल्ट डॉक्टर देखते हैं और उसके हिसाब से जरूरी परामर्श अपने मरीजों को देते हैं।

गर्भावस्था का पता लगाने के लिए बीटा एचसीजी का मान:

  • अगर एचसीजी मूल्य 5 आईयू/एल से कम है तो गर्भावस्था परीक्षण नकारात्मक होता है।
  • अगर एचसीजी मूल्य 5 से  25 आईयू/एल है तो गर्भावस्था परीक्षण अनिश्चित होता है।
  • अगर एचसीजी मूल्य 25 आईयू/एल से अधिक है तो गर्भावस्था परीक्षण सकारात्मक होता है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

सवाल: बीटा एचसीजी टेस्ट की किसे आवश्यकता पड़ती है?

जवाब: अगर आप गर्भवती हैं तो इसका पता लगाने के लिए बीटा एचसीजी टेस्ट की जरूरत पड़ती है। भ्रूण की जांच करने और उसकी उम्र को समझने के लिए भी बीटा एजसीजी टेस्ट कराया जा सकता है।

सवाल: बीटा एचसीजी टेस्ट से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?

जवाब: वैसे तो बीटा एचसीजी टेस्ट के लिए आपको किसी विशेष की तैयारी कोई आवश्यकता नहीं होती है। इस टेस्ट लिए आपको खाली पेट रहने की भी जरूरत नहीं है। यूरिन और खून के जरिए इस टेस्ट को किया जाता है। हालांकि, यह टेस्ट कराने से पहले आपको बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।

सवाल: बीटा एचसीजी टेस्ट कब किया जाता है?

जवाब: निषेचित अंडे के गर्भाशय की दीवार से जुड़ने के 6 से 11 दिनों के बाद एचसीजी टेस्ट किया जाता है।

सवाल: क्या कोई दवा बीटा एचसीजी टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती है?

जवाब: फर्टिलिटी और कैंसर के इलाज से जुड़ी दवाएं बीटा एचसीजी टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।

सवाल: बीटा एचसीजी टेस्ट कितनी बार किया जाता है?

जवाब: बीटा एचसीजी टेस्ट हार्मोन के स्तर में बदलाव की निगरानी के लिए हर 48 से 72 घंटों में दोहराया जाता है।

सवाल: क्या एचसीजी टेस्ट केवल महिलाओं के लिए किया जाता है?

जवाब: महिलाओं में गर्भावस्था की जांच के लिए यह टेस्ट ज्यादा जुड़ा है। हालांकि, पुरुषों में वृषण कैंसर की जांच के लिए एचसीजी टेस्ट किया जाता है।

सवाल: क्या कैंसर के निदान के लिए बीटा एचसीजी टेस्ट किया जा सकता है?

जवाब: हां, बीटा एचसीजी टेस्ट का वृषण और अंडाशयी कैंसर के निदान के लिए किया जाता है।

सवाल: कितने रुपये में बीटा एचसीजी टेस्ट होता है?

जवाब: बीटा एचसीजी टेस्ट की लागत लगभग 500 रुपये से शुरू होती है।

सवाल: क्या बीटा एचसीजी टेस्ट दर्दनाक होता है?

जवाब: नहीं, बीटा एचसीजी टेस्ट दर्दनाक नहीं होता है। यह टेस्ट यूरिन और ब्लड के जरिए किया जाता है।

निष्कर्ष:

बीटा एचसीजी टेस्ट हमारे शरीर में मौजूद एचसीजी हार्मोन के स्तर को मापने को लिए किया जाता है। मुख्य तौर पर बीटा एचसीजी टेस्ट एक महिला में गर्भावस्था का शीघ्र पता लगाने के लिए किया जाता है। एचसीजी हार्मोन का स्तर गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में भ्रूण को रेखांकित करने के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के 8वें और 10वें सप्ताह के बीच एचसीजी हार्मोन का स्तर सबसे अधिक होता है। एचसीजी हार्मोन के बढ़े स्तर से महिलाओं में दाढ़ गर्भावस्था, डिम्बग्रंथि कैंसर और पुरुषों में वृषण कैंसर जैसी स्थितियों के बारे में पता चल पाता है। एचसीजी का निम्न स्तर गर्भपात,  अस्थानिक गर्भावस्था की संभावना का संकेतक होता है।

गर्भावस्था की पुष्टि करने के अलावा बीटा एचसीजी टेस्ट भ्रूण की उम्र निर्धारित करने में भी मदद कर सकता है। गर्भपात का निदान करने के साथ ही यह टेस्ट डाउन सिंड्रोम जैसी स्थितियों के लिए बच्चे की भी जांच करता है। अंडाशय, स्तन, वृषण, गर्भाश या फेफड़े के कैंसर भी शरीर में एचसीजी के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

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उम्मीद है कि आपको इस लेख से बीटा एचसीजी टेस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गई होगी। यदि आप अपने आस-पास के क्षेत्र में अच्छा डायबिटीज क्लिनिक ढूंढ रहे हैं, तो एक बार BeatO को जरूर आजमाना चाहिए, जो आपकी हेल्थ केयर आवश्यकताओं का एक प्रभावी समाधान है।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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Anand Kumar

Anand Kumar

आनंद एक पत्रकार होने के साथ-साथ कंटेट राइटर भी हैं। फिलहाल वह BeatO पर हेल्थ से जुड़े विषयों पर लिख रहे हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। उनके पास मीडिया में काम करने का 4 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर ग्राउंड रिपोर्टिंग के साथ-साथ विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए कई लेख भी लिखे हैं।

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