मधुमेह एक पुरानी स्थिति है जो आपके शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो यह लंबे समय की समस्याओं का कारण भी बन सकती है। इन समस्याओं में गर्दन के काले धब्बे, स्ट्रोक, नसों को नुकसान, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु भी शामिल हो सकती है। मधुमेह हमारे महत्वपूर्ण अंगों के साथ-साथ हमारी त्वचा, खास कर हमारी गर्दन पर भी प्रभाव डाल सकता इसमें गर्दन के काले धब्बे भी हो सकते हैं।
मधुमेह के कारण आपकी गर्दन के काले धब्बे हो सकते हैं। वे मोटे और गहरे रंग के होते हैं और अक्सर उभरे हुए दिखते हैं। इन धब्बों का आकार हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। गर्दन के अलावा, ये धब्बे आपके शरीर के दुसरे हिस्सों जैसे बगल, कमर, बांह आदि में भी दिखाई दे सकते हैं।
इस स्थिति को एकैन्थोसिस निगरिकन्स के नाम से जाना जाता है। गर्दन के काले धब्बे आपकी त्वचा कोशिकाओं में इंसुलिन के बढ़े हुए स्तर के कारण होते हैं। यह आमतौर पर टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों या मोटापे से ग्रस्त लोगों में पाए जाते हैं। यह अन्य चिकित्सीय समस्याओं जैसे पाचन तंत्र के कैंसर, अंतःस्रावी (एंडोक्राइन) तंत्र के रोग आदि से भी संबंधित हो सकते हैं।
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मौजूदा समय में, ऐसा कोई इलाज नहीं है जो इन धब्बों को पूरी तरह से हटाने में मदद कर सके। लेकिन इस का कोई पूर्ण समाधान है या नहीं, यह जांचने के लिए आप हमेशा अपने त्वचा विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं। साथ ही जिन तरीकों से आप अपनी त्वचा पर इन काले धब्बों से बच सकते हैं उनमें से एक है स्वस्थ खान -पान। यह आपको मोटापे से बचाएगा और इससे आपकी त्वचा में होने वाली इस समस्या की संभावना कम हो जाएगी या ये धब्बे धीरे-धीरे ख़त्म हो जाएंगे।
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गर्दन के काले धब्बे जैसी डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए, मधुमेह रोगियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने हेल्थ कोच द्वारा दी गई सभी सलाह का पालन करें। मधुमेह रोगी के लिए दो मुख्य सलाह इस प्रकार हैं-
सेहतमंद और पोष्टिक खाने का सेवन करें
मधुमेह रोगी का ऐसा खान -पान होना चाहिए जो फाइबर से भरपूर हो और जिन में कार्बोहाइड्रेट कम हो। इसमें ऐसी चीज़े शामिल नहीं होने चाहिए जिनमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा हो। आपको ऐसी ड्रिंक्स से भी बचना चाहिए जिनमें बहुत ज्यादा चीनी होती है। इसके बजाय, आप हर्बल चाय, इन्फ्यूज्ड वॉटर आदि का विकल्प चुन सकते हैं।
नियमित वर्कआउट करें
टाइप 2 मधुमेह का एक प्रमुख कारण मोटापा है। मोटापे से बचने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप नियमित रूप से वर्कआउट करें। किसी भी प्रकार के व्यायाम में शामिल होने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर या हेल्थ कोच से बात करनी चाहिए क्योंकि इस से आपके शुगर लेवल में गिरावट आ सकती है।
नियमित रूप से अपने शुगर लेवल की जांच करें
मधुमेह में नियमित आधार पर अपने शुगर लेवल की जांच करना महत्वपूर्ण है। आप को शुगर टेस्ट मशीन (ग्लूकोमीटर) का इस्तेमाल करना चाहिए जो छोटी हो और आप को तुरंत और सटीक परिणाम दे सकती है। अपना शुगर लेवल जानने के बाद आप अपने खान – पान और जीवनशैली में सही बदलाव कर पाएंगे।
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