मौजूदा समय में बढ़ती बिमारियों का सबसे मुख्य कारण तनाव है, तनाव कब गंभीर रूप ले लेता है, इस बात का अंदाज़ा हमें नहीं लग पाता है। तनाव मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक बड़ी मुश्किल बन सकता है। डायबिटीज की समस्या के साथ मानिसक स्वास्थ्य प्रभावित होना आम बात है। पिछले कुछ समय से देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को हर समय अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की आवश्यकता होती है। तनाव ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है, जो आपके डायबिटीज मैनेजमेंट के लक्ष्य में एक बड़ी बाधा बन सकता है। जिस कारण आपके डॉक्टर को आप की नियमित दवाओं कि खुराक भी बढ़ानी पड़ सकती है। इसलिए डायबिटीज और डिप्रेशन के सम्बन्ध को समझते हुए एक स्वस्थ खान -पान और ध्यान के माध्यम से एक अच्छा मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखना बहुत ज़रूरी है, जिसके द्वारा आप डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
डिप्रेशन एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति है, जो आप के सोचने और काम करने के तरीकों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। डिप्रेशन उन गतिविधियों में आप की रुचि ख़त्म कर देता है, जिनमें आप आनंद लेते है। साथ ही इस के चलते जीवन में आने वाली हर समस्या के प्रति आप नकारात्मक होना शुरू हो जाते है। जिस कारण कई भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं हो सकती है। इस प्रकार डायबिटीज के सम्बन्ध में अचानक जीवनशैली में बदलाव होने के कारण डिप्रेशन की स्थिति पैदा हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को पहचान कर, डायबिटीज और डिप्रेशन की कड़ी को तोड़कर सही समय पर इस का उपचार ज़रूरी है।
डायबिटीज होने पर कई लोग आमतौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल को ध्यान में रखकर अपने खान-पान की लिस्ट बनाते हैं, लेकिन डायबिटीज कि समस्या के साथ खान-पान ही एकमात्र ऐसा कारक नहीं है जिस पर डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को ध्यान देना चाहिए बल्कि कुछ सामान्य आदतें अनजाने में भी आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे की आपकी जीवनशैली, खान -पान का तरीका, आपके खाने का समय और सब से ज़रूरी आप का मानसिक स्वास्थ्य जिस का आपके ब्लड शुगर लेवल पर बहुत प्रभाव पड़ता सकता है। आप के विचार, भावनाएँ, विश्वास और सोच इस बात पर प्रभाव डाल सकते हैं कि आपका शरीर कितना स्वस्थ है। जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर हार्मोन जारी करता है जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन को रिलीज करने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल पर तनाव का प्रभाव हो सकता है, जिससे शुगर लेवल में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए डायबिटीज और डिप्रेशन के सम्बन्ध को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन की केवल एक कुंजी है और वह है एक बेहतर मानिसक स्वास्थ्य।
डायबिटीज और डिप्रेशन का सीधा सम्बन्ध है। डिप्रेशन बढ़ने से टाइप 2 डायबिटीज के विकसित होने की अधिक संभावना हो सकती है। अच्छी बात यह है कि डायबिटीज और डिप्रेशन का इलाज एक साथ संभव है। डिप्रेशन को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने से डायबिटीज की स्थिति में सुधार करने में मदद मिल सकती है। डायबिटीज के साथ डिप्रेशन को कैसे कम करें इसके लिए कुछ पॉइंट्स नीचे दिए गए हैं:
डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन जीना चुनौतीपूर्ण नहीं है लेकिन, यदि तनाव आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है, तो योग और ध्यान से इसे कम करने में सहायता मिल सकती हैं। ग्लूकोमीटर टेस्ट से बिना किसी संदेह के इस बात को साबित किया जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग जो तनाव से राहत के लिए नियमित शारीरिक और मानसिक गतिविधि वाली दिनचर्या का पालन करते हैं, उन्हें ज्यादा दवाओं या इंसुलिन की खुराक की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में डायबिटीज से जुड़े लम्बे समय के दुष्प्रभाव जैसे हृदय या गुर्दे की बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सकता है। योग और ध्यान डायबिटीज के लिए मन-शरीर की कुछ गतिविधियाँ हैं साथ ही एरोबिक्स, और साँस लेने के व्यायाम बहुत फायदेमंद होते हैं। एक अन्य अध्ययन में, यह पाया गया है कि लोगों ने माइंडफुलनेस और ध्यान का अभ्यास शुरू करने के बाद अपने HbA1C लेवल को लगभग 1 प्रतिशत कम कर दिया। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो पैदल चलना, साइकिल चलाना, बागवानी और ट्रैकिंग कुछ प्रभावी विकल्प हैं जिन्हें आप तलाश सकते हैं। ग्लूकोज टेस्टिंग किट अपने पास रखें ताकि आप अपनी शुगर लेवल की जाँच कर सकें।
डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन जीने की सबसे बड़ी कुंजी है, सामाजिक संपर्क बनाना। सोशल नेटवर्किंग, विशेष रूप से ऑनलाइन सहायता समूह आप की तनाव और डायबिटीज के खिलाफ लड़ाई में एक बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। डायबिटीज मैनेजमेंट से जुड़ी वेबसाइटें मुफ़्त में सेल्फ केयर से जुड़ी जानकारी प्रदान करती हैं। स्व-देखभाल तकनीकों, आमतौर पर योग, ध्यान और स्वस्थ दिनचर्या के माध्यम से डायबिटीज सहायता प्रदान करने वाले एक बड़े संगठन से जुड़ना एक अच्छा विकल्प है।
ख़राब स्वास्थ्य के कारण होने वाली ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी को नियंत्रित करना और प्रबंधित करना मुश्किल होता है। स्व-देखभाल और डायबिटीज अनुकूल जीवनशैली का सख्ती से पालन करना ही इस का एकमात्र विकल्प हैं। देरी या अनदेखी लंबे समय में घातक हो सकती है। आपको समय निकालने, तनाव कम करने वाली दिनचर्या को सीमित करने और अपनी जीवनशैली या आदतों को बदलने की आवश्यकता है। यदि आप तकनीक-प्रेमी हैं, तो ऐप्स, डिजिटल/ऑनलाइन कैलेंडर और रिमाइंडर का लाभ उठाएं। संक्षेप में, तनाव कम करके अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राथमिकता दें और डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन की ओर बढ़े।
एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। यह पहलु डायबिटीज और डिप्रेशन के सम्बन्ध को मज़बूत बना सकता है। खाली दिमाग में हमें नकारात्मक विचार ज्यादा आते हैं, यह तनाव और डिप्रेशन के रूप में सामने आते हैं। एक बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए न केवल मन-शरीर की गतिविधियाँ शामिल हैं, बल्कि खाली समय का उपयोग भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में शामिल है। बागवानी, संगीत, कला और शिल्प, और खेल आपके खाली समय के दौरान खुद को व्यस्त रखने के कुछ तरीके हैं। अपनी क्रिएटिविटी को जाने, खाली समय में अपनी क्षमताओं के अलावा अपनी प्रतिभा को समझे। सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुनी गई गतिविधि आप को खुशी प्रदान करती हो। यह जांचने के लिए कि क्या आप सही रास्ते पर हैं, नियमित रूप से ग्लूकोमीटर से अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करें।
डायबिटीज के साथ खुशहाल जीवन की एक अच्छी योजना बनाने और उस का पालन करने के लिए आप एक्सपर्ट की मदद भी ले सकते है। इस डिजिटल युग में, डायबिटीज सम्बन्धी मदद और परामर्श को आसानी से पाया जा सकता है। विशेष रूप से जब तनाव के कारण स्पाइक्स को नियंत्रित करने की बात आती है, Beato ऐसे कार्यक्रमों, योजनाओं और परामर्शों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता हैं। स्वास्थ्य लाभ के मामले में ये शानदार रिटर्न वाले किफायती विकल्प हैं। ऑनलाइन एक्सपर्ट सहायता के माध्यम से तनावमुक्त होना आपके उतार-चढ़ाव वाले ग्लूकोज स्तर का मुकाबला करने और “शुगर मॉनिटर” कार्यों के लिए भी एक शानदार विकल्प है। यह हेल्थ एक्सपर्ट न केवल आपकी दवाओं, खान -पान और व्यायाम की दिनचर्या को मैनेज करते हैं बल्कि आपकी दैनिक गतिविधियों के लिए एक समय सारिणी भी बनाते हैं।
डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभवना बिना डायबिटीज वाले व्यक्ति से ज्यादा होती है। डिप्रेशन, डायबिटीज की स्थिति को गंभीर बना सकता है साथ ही यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देने में भी ज़िम्मेदार हो सकता है।
इन दोनों स्थितियों को एक साथ मैनेज करना मुश्किल लग सकता है। लेकिन डायबिटीज और डिप्रेशन से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका एक समस्या को नियंत्रित करके दूसरी समस्या का समाधान करना है। एक बार जब डायबिटीज का पता चल जाता है, तो उन्हें अपने भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य की समय पर जाँच करने की आवश्यकता होती है। डायबिटीज आसानी से किसी व्यक्ति के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है, इसलिए समस्याओं पर काबू पाने के लिए शुरू से ही एक प्रभावी योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
खान-पान, मनोरंजन और सामाजिक गतिविधियों में रुचि कम होना, जीवन के प्रति नकारात्मक भावना का बढ़ना, शारीरिक गतिविधि में कमी, ब्लड शुगर लेवल का असामान्य रूप से नियंत्रण में न रहना, परिवार और दोस्तों से बातचीत में कमी होना।
उम्मीद है आपको डायबिटीज और डिप्रेशन का यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। स्वास्थ्य से जुड़ी महत्पूर्ण जानकारी और एक सही डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में जानने के लिए BeatO के साथ बने रहिये।