दिल जलता है तो जलने दो ! घबराइए मत आज जलने नहीं देंगे. सब जानते हैं कि दिल को शरीर का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. कहते हैं खराब खानपान और लाइफस्टाइल के चलते दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं सीने में अचानक उठे दर्द को कई बार हार्ट अटैक मान लिया जाता है. इसी चीज़ का पता लगाने के लिए ईसीजी टेस्ट का सहारा लेते हैं. इस टेस्ट के जरिए आप इस बात का पता लगा सकते हैं कि दिल सही से काम कर रहा है या नहीं. यहां हम बता रहे हैं कि ECG Test क्या होता है, इसे क्यों किया जाता है.
ईसीजी एक ऐसा टेस्ट है, जिससी मदद से व्यक्ति के दिल की गति और लय का पता लगाया जाता है. साथ ही इस टेस्ट की मदद से दिल का दौरा, दिल की बीमारियां, दिल के साइज के बढ़े हुए होने का पता लगाते हैं. ईसीजी टेस्ट को अधिकतर दिल के दौरे के प्रकार को जानने के लिए किया जाता है, ताकि मरीज को हार्ट अटैक से बचाया जा सके.
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ईसीजी दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही ईसीजी टेस्ट को रक्त वाहिकाओं में परेशानी, ऑक्सीजन की कमी, नसों का ब्लॉकेज, टिशूज की असामान्य स्थिति, सीने में तेज दर्द या सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हार्ट अटैक के लक्षणों और दिल से जुड़ी दूसरी समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसकी मदद से दिल की धड़कन के जरिए हार्ट की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. वहीं, यह टेस्ट बेहद सस्ता और दर्दरहित होता है. आमतौर पर यह टेस्ट 300 से 500 रुपये तक में आसानी से हो जाते है.
ईसीजी टेस्ट तीन तरह के होते हैं.
इस टेस्ट में व्यक्ति को लेटा दिया जाता है. वहीं, टेस्ट के दौरान उसे किसी भी तरह की हलचल नहीं करने के लिए कहा जाता है, क्योंकि टेस्ट के दौरान मांसपेशियों से इलेक्ट्रिकल इमपल्स बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. इस टेस्ट को करने में 5 से 10 मिनट लगते हैं.
इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति को कम से कम 24 घंटे के लिए एक पोर्टेबल रिकॉर्डिंग डिवाइस पहनाया जाता है. इस डिवाइस को पहनने के बाद आप कहीं भी जा सकते हैं. वहीं, व्यक्ति में रुक-रुक कर होने वाले (स्टॉप-स्टार्ट) लक्षण दिखाई देते हैं, तो इस टेस्ट के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं. वहीं, जो लोग दिल के दौरे से उबर रहे हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीज का दिल सही से काम कर रहा है. इस टेस्ट में मरीज को किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर उसे लिखने या रिकॉर्ड करने के लिए कहा जाता है.
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दिल से जुड़ी बीमारी में कई लक्षण काम करते या किसी तरह की शारीरिक गतिविधि करने के दौरान होती है. इस स्थिति में डॉक्टर मरीज को इस प्रकार के ईसीजी टेस्ट की सलाह देते हैं. इस टेस्ट के तहत मरीज को व्यायाम, बाइक चलाते समय या चलते-दौड़ते समय ईसीजी रिकॉर्ड करने के लिए कहा जाता है. इस तरह के ईसीजी टेस्ट में करीब 15 से 30 मिनट का समय लगता है. इसके साथ ही दिल के हेल्थ को जानने के लिए स्ट्रेस टेस्ट में दवाओं को भी शामिल किया जाता है.
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ईसीजी का मतलब होता है इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम. इस टेस्ट की मदद से कम समय में दिल की किसी भी समस्या के होने की आशंका पहले ही पता चल जाती है. इस टेस्ट में मरीज के सीने, भुजाओं और पैरों की स्किन पर छोटे-छोटे इलेक्ट्रोड पैट लगाएं जाते हैं. जो व्यक्ति के दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड करते हैं. इस टेस्ट को बहुत से लोग एक रेगुलर हेल्थ टेस्ट के रूप में और दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए भी करते हैं.
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