अजवाइन का वैज्ञानिक नाम ट्रेकिस्पर्मम अम्मी है। यह एक जड़ी-बूटी है, जो अपियासी परिवार से आता है। अजवाइन सूखे और बंजर क्षेत्रों में उगती है। अजवाइन का पौधा मिस्र में पैदा हुआ था और अब यह पूरी दुनियाभर में पाया जाता है। ईरान, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों सहित दक्षिण और पश्चिम एशिया के कई अन्य हिस्सों में इसकी खेती होती है। भारत के गुजरात और राजस्थान में भी अजवाइन की खेती होती है। दुनिया में अजवाइन को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे संस्कृत में इसे उग्रगंध, हिंदी में अजवाइन, मराठी में ओमा, अंग्रेजी में कैरम सीड्स या बिशप वीड, ओड़िया में जुआनी, तमिल में ओमम, तेलुगु में ओमम्मु-वामु-वीलकर, मलयालम में अयोधमकम, फ्रेंच में अजोवन-कैम्बोला और जर्मन में अजोवन सेमेन के नाम से जाना जाता है।
अजवाइन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, सोडियम, फैटी एसिड, पोटैशियम, फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी नेचर का होता है।
अजवाइन के बीज स्वाद में बेशक कड़वे होते हैं और ये खाने का जायका बढ़ाते हैं और यह औषधीय महत्व भी रखते हैं। अजवाइन के बीज से 2 से 5 फीसदी भूरा आवश्यक तेल मिलता है। इसमें पी-साइमीन के साथ थाइमोल प्रमुख घटक होता है। इसके तेल रोगाणुरोधी, एंटीफ्लैटुलेंट, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीह्यूमेटिक, मूत्रवर्धक, उत्तेजक, कार्मिनेटिव और एक्सपेक्टरेंट जैसे कई कार्यात्मक गुणों के लिए जाना जाता है।
पोषक तत्व | मात्रा |
कार्बोहाइड्रेट | 43 ग्राम |
फाइबर | 39.2 ग्राम |
सोडियम | 10 मिलीग्राम |
फैट | 25 ग्राम |
प्रोटीन | 16 ग्राम |
आयरन | 4 मिलीग्राम |
विटामिन सी | 4 मिलीग्राम |
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आमतौर पर अजवाइन का इस्तेमाल पेट के ट्यूमर, पेट दर्द, बवासीर, भूख की कमी, पेट फूलना, एटोनिक अपच, दस्त, गैलेक्टोगोग, अस्थमा और एमेनोरिया के लिए किया जाता है। आइए इस लेख में आपको विस्तार से अजवाइन के फायदे और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
वजन कम करने में करता है मदद
अजवाइन आपका वजन कम करने में काफी मददगार होती है। अजवाइन में मौजूद फाइबर आहार को पचाने में मदद करता है। साथ ही ये देर तर पेट भरा रहने का अहसास भी कराता है। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है। रोजाना अजवाइन का सेवन बेली फैट के लिए बहुत लाभदायक होता है। रोजाना खाली पेट अजवाइन के पानी का सेवन करने से आपका वजन काफी कम हो सकता है। आधा चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में रातभर के लिए भिगो दें। इसके बाद पानी को 5 मिनट तक उबालें और फिर उसे छानकर पी लें। अजवाइन के पानी में आप नींबू भी मिलाकर पी सकते हैं, जो बेहतरीन फैट कटर माना जाता है।
पाचन तंत्र को रखता है स्वस्थ्य
पाचन से संबंधित समस्याओं के लिए अजवाइन को घरेलू नुस्खा माना जाता है। अजवाइन में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो पाचन के लिए जरूरी होता है। अजवाइन में मौजूद एंजाइम पेट के एसिड के प्रवाह में सुधार करते हैं। इससे अपच, सूजन और गैस से संबंधित परेशानियों से राहत मिल सकती है। अजवाइन गैस्ट्रिक एसिड और डाइजेस्टिव एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाती है, ताकि भोजन को पचाने में आसानी होती है। अगर आप भुनी हुई अजवाइन को नींबू और काले नमक के साथ मिलाकर खाते हैं तो आपको पेट फूलने और गैस की समस्या से राहत मिल सकती है। अजवाइन को रात में सोने से पहले चबाकर खाएं और ऊपर से गरम पानी पीने से सुबह पेट अच्छी तरह साफ हो जाता है।
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पीरियड्स के दर्द से देता है राहत
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अजवाइन का सेवन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है। अजवाइन का सेवन करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लामेटरी के गुण मौजूद होते हैं, जो महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। अजवाइन की चाय या पानी पीने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है।
डायबिटीज को करता है कंट्रोल
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अजवाइन का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है। अजवाइन में मौजूद फाइबर का सेवन करना डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत लाभकारी होता है। अजवाइन के बीजों में मौजूद एंजाइम कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करते हैं। इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में आसानी होती है। शोध से भी यह बात पता चली है कि फाइबर से भरपूर फूड ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति अजवाइन का सेवन करता है तो उसका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
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स्किन के लिए होता है फायदेमंद
अजवाइन में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल जैसे गुण मौजूद होते हैं, जो चेहरे की सूजन, मुहांसे आदि के अलावा फंगल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। अजवाइन में मौजूद थाइमोल स्किन इंफेक्शन से छुटकारा दिलाता है।
अजवाइन के नुकसान:
- अजवाइन के ज्यादा सेवन से आपके पेट में गैस बन सकती है, जिससे एसिडिटी और रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
- गर्मवती महिलाओं को अजवाइन का ज्यादा सेवन करने से परहेज करना चाहिए। दरअसल, भ्रूण के विकास पर अजवाइन का उल्टा असर पड़ने की संभावना रहती है।
- सर्जरी के बाद से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में सर्जरी से 2 हफ्ते पहले अजवाइन का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- अगर आपको लिवर से संबंधित कोई समस्या है तो अजवाइन का सेवन करने से बचना चाहिए।
- अगर आपको खुजली से संबंधित समस्या है तो आपको अजवाइन का सेवन नहीं करना चाहिए। अजवाइन में मौजूद तीखे गुण खुजली और स्किन रैशेज से जुड़ी समस्या को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में खुजली से संबंधित पीड़ित लोगों को अजवाइन का सेवन करने से बचना चाहिए।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित लोगों को अजवाइन का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उनके दिल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे हार्ट रेट कम होने की भी संभावना रहती है।
- अजवाइन का अधिक सेवन करने से चक्कर आना, मतली और उल्टी होने की संभावना रहती है। दरअसल, अजवाइन में मौजूद थाइमोल के कारण ये समस्याएं इसके अधिक सेवन करने पर हो सकती है।
अजवाइन को खाने के कई तरीके होते हैं:
- रोजाना खाली पेट अजवाइन की दो पत्तियों धोकर खाना चाहिए।
- आप अजवाइन की पत्तियों को सूप में डालकर खा सकते हैं।
- आप अजवाइन का जूस बनाकर पी सकते हैं। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप नींबू या सेब भी मिला सकते हैं।
- पाचन संबंधित समस्याओं के लिए अजवाइन का काढ़ा पीना चाहिए। इसके लिए एक चम्मच में अजवाइन के बीज लें और इसे एक गिलास पानी में डालकर उबाल लें। फिर उसे छानकर पीना चाहिए।
- दमा और सर्दी से राहत पाने के लिए आधा चम्मच अजवाइन का काढ़ा पीना चाहिए।
- आप अजवाइन को रोटी बनाने के लिए आटा गूंथते वक्त, दाल में तड़का लगाते वक्त भी डाल सकते हैं। इससे खाने का स्वाद बढ़ता है और पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत भी मिल जाता है।
- अजवाइन को खाने के बाद अर्क की पांच बूंदें गर्म पानी के साथ लेना चाहिए।
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अजवाइन का इन दवाओं के साथ इंटरेक्शन:
- अगर आप खून पतला करने की कोई दवाई ले रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। आइबूप्रोफेन, डाइक्लोफेनेक, वार्फरिन और एस्पिरिन जैसी दवाओं में खून पतला करने वाले तत्व पाए जाते हैं।
- अजवाइन की तासीर गर्म होती है। ऐसे में गर्मी में अगर आप इसका ज्यादा सेवन करते हैं तो आपको पेट फूलने, ऐंठन की समस्या जैसी संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- अजवाइन उन दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है, जो लीवर में ब्रेक डाउन करती हैं। अगर आप लीवर के लिए लवास्टैटिन, केटोकोनाजोल और इट्राकोनाजोल जैसी दवाए ले रहे हैं तो अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
सवाल: क्या अजवाइन आंतों के इंफेक्शन का इलाज कर सकता है?
जवाब: हां, अजवाइन आंतों के इंफेक्शन का इलाज करने में मदद कर सकता है। अजवाइन में मौजूद कृमिनाशक गुण आंतो के किसी भी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है।
सवाल: क्या अजवाइन वजन घटाने में मदद करता है?
जवाब: हां, अजवाइन वजन बढ़ने से रोकता है। दरअसल, अजवाइन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण वजन कम करने में मदद करते हैं।
सवाल: क्या अजवाइन सफेद बालों की समस्या को दूर करता है?
जवाब: हां, अजवाइन सफेद बालों की समस्या को दूर करने में मदद करता है। अजवाइन में मौजूद कैल्शियम और आयरन सफेद बालों की समस्या को कम करने में मदद करता है।
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