चिरायता खाने के फायदे: आज के आधुनिक युग में वैसे तो कई नई तकनीकें आ गई हैं जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हैं। लेकिन आधुनिकता के इस दौर में भी आयुर्वेद ने भी हमारी सेहत को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद का प्रयोग तमाम बीमारियों के इलाज के रूप में किया जा रहा है। आयुर्वेद में ऐसी कई प्रकार जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो हमारी हर तरह की बीमारियों और समस्याओं को दूर करने में सक्षम हैं। फिर चाहें डायबिटीज हो या लीवर से जुड़ी कोई समस्या आयुर्वेद में मौजूद जड़ी-बूटियां हमारी हर समस्या का समाधान करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक चिरायता भी एक है जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं चिरायता के बारे में और इससे जुड़ी सभी जानकारियां जो आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
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आयुर्वेद में बहुत सारी औषधि हैं जिनका प्रयोग चिकित्सीय उपचार में किया जाता रहा हैं। चिरायता भी उनमें से एक है। चिरायता, जिसे स्वेर्शिया चिरता या कड़वा के नाम से भी जाना जाता है, एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। यह हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है, जिसमें भारत, नेपाल, चीन और श्रीलंका शामिल हैं। चिरायता अपने कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है, जो इसके औषधीय गुणों का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से डायबिटीज, लीवर की समस्या और कमजोर इम्यूनिटी की ठीक करने के काम आता है।
चिरायता को हमारी सेहत के फायदेमंद इसमें पाएं जाने वाले गुण बनाते हैं। आइए जानते हैं इसमें कौन-से गुण पाएं जाते हैं-
चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएं जाते हैं। ये हमारे शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाएं रखने में हमारी मदद करता है।
चिरायता का यह गुण भी हमारे शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाएं रखने में हमारी मदद करता है। इससे हमें रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है।
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चिरायता का यह गुण बुखार को कम करने में मदद करता हैं।
चिरायता के ये गुण स्किन की सूजन, मुंहासे और अन्य स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। यह बालों के विकास को बढ़ावा देने और रूसी को कम करने में भी मदद कर सकता है।
चिरायता में कई प्रकार के पोषक तत्व पाएं जाते है, जो हमे कई सारे लाभ प्रदान करते हैं। आगे की तालिका में इन्हीं लाभों के बारे में बताया जा रहा है-
पोषक तत्व | लाभ |
अल्कलॉइड | पाचन में सुधार, इम्यूनिटी को बढ़ाना, डायबिटीज कंट्रोल करना |
एंटीऑक्सीडेंट | फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से हमारा बचाव करता है |
कड़वे तत्व | पाचन क्रिया को बढ़ाना, भूख बढ़ाना, ब्लड शुगर को कंट्रोल करना |
आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम | शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक |
विटामिन सी, विटामिन ई | इम्यून सिस्टम को मजबूत करना, इन्फेक्शन से लड़ना |
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आइए विस्तार से जानते हैं चिरायता के फायदे-
चिरायता खाने से आपको डायबिटीज़ जैसी समस्या में काफी आराम मिलता है। चिरायता में हाइपोग्लाइकेमिक गुण पाया जाता है। इसमें पाया जाने यह गुण ब्लड शुगर के लेवल को अचानक से बढ़ने से रोकता है। चिरायता में अमारोगेंटिन नामक एक बायोएक्टिव कंपाउंड पाया जाता है। इसकी उपस्थिति हमारे शरीर में इंसुलिन की तरह काम करती है क्योंकि यह डायबिटीज के लेवल को कंट्रोल करता है और उसे बढ़ने से रोकता है।
एनीमिया की स्थिति हमारे शरीर में तब जब हमारे शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में पर्याप्त हीमोग्लोबिन या आयरन नहीं होता है, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। चिरायता का सेवन लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है, जो एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा चिरायता हिमोग्लोबिन को बढ़ाने में भी मदद करता है जिससे लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति होती है।
लीवर की बीमारी एक ऐसी बीमारी है जिसमे हमारा लीवर ठीक से काम नहीं कर पाता है। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है जैसे किसी वायरल इन्फेक्शन के द्वारा या शराब का सेवन या फिर फैटी लीवर। चिरायता में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो लीवर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो लीवर की बीमारी का एक आम लक्षण है। इसके साथ ही चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लीवर कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
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डायबिटीज की समस्या से गुजर रहे लोगों के लिए यह जरूरी होता है कि वह अपना पाचन तंत्र ठीक रखे। तो वहीं लीवर की समस्या का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में चिरायता का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। चिरायता हमारे पाचन तंत्र को सुधारने के साथ भूख भी बढ़ाता है। यह गैस, कब्ज, लूज मोशन जैसी स्थिति में भी काफी असरदार होता है।
आप चिरायता का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। यहां ऐसे ही कुछ तरीके बताएं जा रहे हैं-
आप चिरायता का इस्तेमाल काढ़ा बनाकर भी कर सकते हैं। इसके लिए 1-2 चम्मच सूखी चिरायता की पत्तियों को 1 कप पानी में 10-15 मिनट तक उबालें और छानकर दिन में दो बार, खाली पेट या भोजन के बाद पिएं। इससे आपके पाचन तंत्र के सुधार होगा और कब्ज की समस्या से भी राहत मिलेगी।
आप चिरायता का सेवन पाउडर के रूप में भी कर सकते हैं। इसके लिए 1/2 चम्मच चिरायता पाउडर को 1 कप पानी या दूध में मिलाकर दिन में एक बार, खाली पेट या भोजन के बाद पिएं। ये उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जिन्हें कम भूख लगती है या वजन बढ़ाने में कठिनाई होती है।
आप चिरायता का सेवन कैप्सूल के रूप में भी कर सकते हैं। ये इसके सेवन का सबसे आसान तरीका है। बुखार में आप इसके कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
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आप सीधे चिरायता की पत्तियों का भी सेवन कर सकते हैं। आप इसकी ताजी पत्तियों को चटनी बनाकर या सलाद में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसका उपयोग करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आगे कुछ सावधानियां बताई जा रही हैं-
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उम्मीद करते है आपको हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से चिरायता के फायदे और इसके उपयोग से जुड़ी सभी जानकारी मिल गई होगी। स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी ही महत्पूर्ण जानकारी और एक सही डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में जानने के लिए BeatO के साथ बने रहिये।
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