स्वस्थ खान-पान से डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज से जुड़ी मुश्किलों को कम करने के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। अपने खान-पान में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने से शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। ड्राई फ्रूट्स और नट्स में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए पिस्ता एक ऐसा ही सुपर हेल्दी नट है। जिस का इस्तेमाल कई चीज़ों में किया जाता है। पिस्ता में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो कई लाभ पहुंचाते हैं। पिस्ता में विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। अगर सही मात्रा में पिस्ता का सेवन किया जाए, तो यह शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इस ब्लॉग में हम पिस्ता के कुछ ऐसे लाभों के बारे में जानेंगे जिसके कारण इसे सुपर हेल्दी नट कहा जाता है।
एंटीऑक्सिडेंट आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के ख़तरे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पिस्ता में बहुत अधिक एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होती है, जो ब्लूबेरी, चेरी, चुकंदर, अनार जैसे फूड प्रोडक्ट्स के मुकाबले सबसे अधिक है। हाई एंटीऑक्सीडेंट वाले फूड आपके शरीर और मस्तिष्क को सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
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नट्स खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं लेकिन इनमें आमतौर पर कैलोरी की मात्रा हाई होती हैं। हालांकि पिस्ता सबसे कम कैलोरी वाले नट्स में से हैं। 28 ग्राम पिस्ता में 159 कैलोरी होती हैं, जबकि अखरोट में 185 कैलोरी और पेकन में 193 कैलोरी होती हैं। अपनी कैलोरी सामग्री का लगभग 14% प्रोटीन युक्त होने के कारण, जब भी प्रोटीन सामग्री की बात आती है तो पिस्ता, बादाम के बाद दूसरे स्थान पर आता है। इसके अलावा, पिस्ता अमीनो एसिड से भरपूर होता है, यह वो अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें खाने के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि आपका शरीर उनका उत्पादन करने में असमर्थ है.
ऊर्जा से भरपूर होने के बावजूद, पिस्ता वजन घटाने के लिए सब से अनुकूल है। पिस्ता फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, ये दोनों संतुष्टि की भावना को बढ़ाते हैं और आपको कम खाने में मदद करते हैं। पिस्ता का नियमित सेवन बॉडी मास इंडेक्स में कमी से जुड़ा हो सकता है, जिसका उपयोग शरीर में वसा का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। पिस्ता में मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है, जो स्वभाव में घुलनशील होता है। इससे वजन भी कंट्रोल में रहता है।
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पिस्ता के लाभों में से एक इस का संपूर्ण गर्भावस्था आहार होना भी है। गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना लगभग सुरक्षित हो सकता है। पिस्ते में आयरन, कैल्शियम, फोलेट और पोटेशियम होते है जिस कारण इसमें शरीर की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने की शक्ति होती है। पिस्ता में मौजूद यह खनिज बच्चे की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। पिस्ते में मौजूद प्रोटीन बच्चे की मांसपेशियों के विकास में भी मदद कर सकता है । जबकि पिस्ते में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के मस्तिष्क के विकास में मदद कर सकता है। पिस्ता खाने से गर्भावस्था के दौरान जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्या नियंत्रित रह सकती है। ऐसा इसके उच्च सूजन रोधी गुणों के कारण होता है।
आप जो भी चीज खाते हैं, उसका आप के ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर होता है, उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स निर्धारित करता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ डायबिटीज के लिए फायदेमंद होते हैं। पिस्ता में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो इसे डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए सुरक्षित विकल्प बनाता है। पिस्ता का सेवन खाने से पहले किया जाए, तो अधिक लाभ होगा। हालांकि, किसी भी चीज का अधिक सेवन सही नहीं है। ऐसे में डायबिटीज होने पर भी आप को पिस्ता सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
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पिस्ता खाना आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है, जो उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करता है, साथ ही यूवी किरणों से भी लड़ता है और यहां तक कि त्वचा कैंसर को भी रोक सकता है। पिस्ता तेल का उपयोग प्राकृतिक मॉइस्ट्राइज़र के रूप में किया जाता है जो ड्राई स्किन के लिए लाभकारी होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करने का काम करता है। रोजाना पिस्ता खाने से स्किन कोमल और मुलायम बनी रहती है।
पिस्ता खाने का एक अच्छा फायदा यह भी है कि इससे दिल की सेहत में सुधार होता है। हेल्दी फैट से भरपूर होने के कारण पिस्ता कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम करता है। इसमें, पॉलिअनसैचुरेटेड फैट्स और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स पाए जाते हैं जो, आपके दिल को हेल्दी रखते हैं। पिस्ता में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी पाया जाता है। पिस्ता उन चुनिंदा वेजिटेरियन फूड्स में से है जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स पाया जाता है।
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पिस्ता में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो प्रीबायोटिक के रूप में कार्य कर सकता है, या वह खाना जो आपके आंत के अच्छे बैक्टीरिया द्वारा पचाया जाता है ताकि उन्हें बढ़ने में मदद मिल सके। आपके आंत बैक्टीरिया तब फाइबर को किण्वित (वह प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ टूटकर सरल पदार्थ में बदल जाता है) करने और इसे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं, जो कैंसर, हृदय रोग और पाचन विकारों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
पिस्ता का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसमें विटामिन बी और जिंक पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही पिस्ते में मौजूद टोकोफेरॉल प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर कर सकता है। मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई संक्रमण से बचाने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
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सही खान-पान की मदद से कैंसर के ख़तरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। पिस्ता भी ऐसा ही फूड है जो, कैंसर से सुरक्षा देता है। इस जानलेवा बीमारी से बचाव में पिस्ता का सेवन फायदेमंद है। पिस्ता में किमो प्रिवेंटिव गुण भी पाए जाते हैं जो, कैंसर का खतरा कम करता है।
इस सुपर नट के कई स्वास्थ लाभ है, जिसका सेवन आप को कई स्वास्थ्य समस्याओं से सुरक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन याद रखे किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन उस के लाभ पर हावी जो सकता है, इसलिए कच्चे पिस्ता में ज्यादा सोडियम नहीं होता है। लेकिन भुने हुए पिस्ते अक्सर नमकीन होते हैं। नमक के साथ एक कप सूखे भुने हुए पिस्ता में 526 मिलीग्राम सोडियम होता है। बहुत अधिक सोडियम आपको हाई ब्लड प्रेशर , हृदय रोग और स्ट्रोक के उच्च जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही पिस्ता की तासीर गर्म होती है, इसलिए ज्यादातर इसे सर्दियों में खाया जाता है। गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें क्योंकि पेट में गर्मी बढ़ने के साथ कब्ज आदि समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही ज्यादा पिस्ता खाने से आपका पेट गड़बड़ हो सकता है और आपको डायरिया की समस्या भी हो सकती है।
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ध्यान दे-
नियमित आधार पर स्मार्टफोन से जुड़े ग्लूकोमीटर का उपयोग करके अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। अगर आपको इस बारे में संदेह है कि आपको किसी खास चीज़ का सेवन करना चाहिए या नहीं, तो आपको इसका सेवन करने से पहले और बाद में तुरंत शुगर की जांच करानी चाहिए। डायबिटीज होने के नाते, आप यह सुनिश्चित करके अपने पसंदीदा खाने का आनंद ले सकते हैं लेकिन साथ ही आपको खाने की मात्रा का ध्यान रखना होगा। ज़्यादा खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अपने डॉक्टर से इस बात पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है कि खाने की कोई भी चीज़ आपके ब्लड शुगर लेवल को कैसे प्रभावित कर सकती है। अगर आपको इस बारे में कोई संदेह है कि आप अपने डायबिटीज के खान-पान में क्या शामिल कर सकते हैं, तो आपको हमेशा अपने डॉक्टर या हेल्थ कोच से बात करनी चाहिए।
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