मोरिंगा का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। मोरिंगा ओलीफेरा को सहजन पेड़ के रूप में भी जाना जाता है। देश के कई हिस्से में इसे जादूई मोरिंगा भी कहा जाता है, क्योंकि ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व से भरपूर पाया जाता है। मोरिंगा की पत्तियां सेहद के लिए काफी फायदेमंद होती है। इन पत्तियों में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं। मोरिंग के पत्तियों से मोरिंग का पाउडर बनाया जाता है। मोरिंगा का इस्तेमाल पत्ते, फूल और जड़ों के रूप में किया जाता है। मोरिंगा का उपयोग कई सालों से पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता है। मोरिंगा पाउडर का प्रयोग पारंपरिक रूप से कब्ज और गैस्ट्राइटिस जैसे पाचन संबंधित परेशानियों के लिए किया जाता है। मोरिंगा पाउडर का इस्तेमाल ज्यादातर दक्षिण भारतीय व्यंजनों में किया जाता है।
मोरिंगा मोरिंगेसी परिवार से संबंध रखता है। यह भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिमालीय क्षेत्रों में पाया जाता है। मोरिंगा पाउडर में न केवल विटामिन ए, बी कॉम्प्लेक्स और सी, साथ ही कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम मौजूद होते हैं, बल्कि यह पाउडर प्रोटीन का एक बेहतरीन स्त्रोत होता है। 100 ग्राम मोरिंगा की ताजा पत्तियों में 6.7 ग्राम और सूखी पत्तियों में 29.4 ग्राम प्रोटीन होता है। वहीं, मोरिंगा पाउडर के प्रति 100 ग्राम में 25 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन मौजूद होता है। मोरिंगा पाउडर के एक बड़े चम्मच में 3 ग्राम प्रोटीन होने के साथ-साथ सभी जरूरी अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। आइए इस लेख में मोरिंगा पाउडर और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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मोरिंगा में मौजूद फाइबर लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है। इससे एक्सेस फूड इंटेक भी कम होता है और यह वजन घटाने में काफी मददगार हता है। दरअसल, 100 ग्राम मोरिंगा पाउडर में 34 ग्राम फाइबर मौजूद होता है। फाइबर वजन कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह भूख को दबाता है और यह सामान्य से कम खाना खाने को मजबूर करता है। शरीर में पैदा होने वाले हार्मोन के स्तर को फाइबर कम करने में मदद करता है।
मोरिंगा की पत्तियों में पोटेशियम, मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, कैल्शियम और तांबा भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मौरिंगा में मौजूद कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
वजन कम करने के लिए आप मोरिंगा पाउडर का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आपको गुनगुने पानी में पाउडर डालने की जरूरत है।फिर इसे आप पी सकते हैं। अगर आप चाहें तो इसे पानी में उबालकर, छानकर इसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं। खाली पेट गुनगुने पानी के साथ इस पाउडर को लेना ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप मोरिंग पाउडर में खाने की चीजें भी शामिल कर सकते हैं।
मोरिंगा पाउडर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में काफी मदद करता है। इसकी पत्तियों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर मौजूद होते हैं, जो भोजन को ठीक से पचाने में काफी मदद करते हैं। मोरिंगा की पत्तियों में मौजूद एंटीबायोटिक और रोगाणुरोधी गुण पाचन संबंधी समस्याओं के सामाधान के लिए एक अच्छा उपाय होते हैं।
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मोरिंगा पाउडर में मौजूद सूजन-रोधी गुण गैस्ट्रिक अल्सर और सूजन आंत्र रोग जैसे समस्याओं के सामाधान के लिए किया जाता है। इसका सेवन आपको अपच संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। मौरिंगा पाउडर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व पाचन को सुधारने में मदद करते हैं।
अगर आप नियमित रूप से मोरिंगा की पत्तियों का सेवन करते हैं तो आपके पाचन तंत्र को मजबूती मिलेगी। साथ ही मोरिंगा के सेवन से कब्ज, सूजन, गैस की समस्या और अपच जैसी परेशानियों से राहत मिलता है।
मोरिंगा की पत्तियां कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करने में मदद करती है। सामने आए एक अध्ययन का दावा है कि मोरिंगा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल को कम करने कर सकता है, जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर धमनियों में प्लाक को बनाता है।
मोरिंगा में बीटा-सिटोस्टेरॉल मौजूद होता है जो आंतों में कोलेस्ट्ऱॉल के अवशोषण को रोकने में मदद करता है। इससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
वहीं, मोरिंगा पाउडर एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता भी है, जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल धमनियों से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाता है और एलिमिनेशन के लिए इसे लिवर में वापस भेज देता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के साथ ही यह ह्रदय रोग के जोखिमों को कम करने में मदद करता है।
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मोरिंगा पाउडर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। मोरिंगा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और आयरन-विटामिन ए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। मोरिंगा पाउडर में मौजूद विटामिन सी, जिंक, बीटा-कैरोटिन, एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में काफी कारगर होता है।
मोरिंगा को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करें, इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। आप पोषक तत्वों से भरपूर डाइट के लिए मोरिंगा पाउडर को अपने सलाद के साथ खा सकते हैं। चाय बनाकर एक चम्मच मोरिंग पाउडर को गर्म पानी में शहद और नींबू मिला लें फिर उसे आप पी सकते हैं।
मोरिंगा पाउडर में विटामिन सी, विटाएमिन ए और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। मोरिंगा की पत्तियां फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरी होती है जो इम्यून सिस्टम को मजबूती देती हैं।
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मोरिंगा पाउडर में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो कैंसर को रोकने में काफी मदद कर सकते हैं। मोरिंगा पाउडर में मौजूद नियाजिमिसिन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है। मोरिंगा की पत्ती, छाल और पौधे के अन्य भागों के अर्क में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को मार सकते हैं। मोरिंगा में मौजूद आइसोथियोसाइनेट्स कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
सबसे पहले आप मोरिंगा के पेड़ की टहनी को काट लीजिए, जिसपर पत्ते लगे हों। इसके बाद इस टहनी को कपड़े पर लटकाकर रख दें और फिर मोरिंगा की पत्तियों को सुखने दें। इन पत्तों को सुखाने से पहले एक बार मोरिंगा की सभी पत्तियों को अच्छे से देख लें और किसी भी तरह की गंदगी दिखती है तो उसे छाड़कर हटा लीजिए। जब पत्ते सूख जाएं तब इसे मिक्सर में पीसकर छान लें। इसके बाद मोरिंगा पाउडर तैयार हो जाएगा।
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