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वजन घटाने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए रामबाण है मौसंबी

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मौसंबी नींबू प्रजाति का एक फल होता है, जो नीबू से कई गुना फायदेमंद होता है। इसका आकार संतरे के जैसा होता है। मुंबई और गुजरात में मौसंबी को मुसम्मी और मौसमी कहते हैं, जबकि इसे यूपी में मीठा नींबू कहते हैं। गर्मी के सीजन में आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए मौसंबी के जूस का सेवन कर सकते हैं। जूस पीने में न सिर्फ टेस्टी होते हैं, बल्कि आपकी सेहत के लिए यह फायदेमंद भी होते हैं।

बता दें कि मौसंबी के जूस की तासीर ठंडी होती है जिस वजह से यह शरीर को ठंडक देने के साथ ही हाइड्रेट और फ्रेश रखने में भी मदद करता है। मौसंबी में पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक, विटामिन सी, आयरन, कॉपर और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मौसंबी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। 100 मिलीलीटर मौसंबी के जूस में 45 कैलोरी ऊर्जा, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 53 ग्राम विटामिन-सी, 0.3 ग्राम फैट, 90.2 एमसीजी विटाएमिन-ए और 41.64 ग्राम फाइबर शामिल होते हैं। 

मौसंबी के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जिससे कई बीमारियों रहती हैं। आइए आज के इस लेख में हम आपको मौसंबी खाने के फायदे और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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मौसंबी के सेवन के कई फायदे होते हैं

बालों को झड़ने से रोकने और मजबूती देने में करता है मदद

अगर आप बाल झड़ने और कमजोर होने की समस्या से परेशान हैं तो आपको अपनी डाइट में मौसंबी शामिल करना चाहिए। मौसंबी आपके बालों को अच्छी ग्रोथ देता है और साथ ही यह बालों का झड़ने से रोकने मे भी मदद करता है। बता दें कि मौसंबी में मौजूद विटामिन-सी और फोलेट बालों के रोम को उत्तेजित करने में मदद करता है। इससे नए और स्वस्थ्य बाल उगते हैं। साथ ही मौसंबी में कैल्शियम और पोटेशियम भी मौजूद होता है, जो बालों को जड़ों से मजबूती प्रदान करने में काफी मदद करता है। इससे कम बाल टूटते हैं और आपके बाल मजबूत बने रहते हैं।

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आपको यह भी बता दें कि मौसंबी में आयरन भी मौजूद होता है, जिससे बाल झड़ने की समस्या से राहत मिलती है। मौसंबी में कॉपर नाम का एक मिनरल भी मौजूद होता है, जो बालों को नेचुरल बनाए रखने में मदद करता है। अगर आप मौसंबी के रस से बालों को धोते हैं तो आपके बालों में अच्छी खुशबू रहती है और विटामिन-सी की वजह से बालों की चमक भी बरकरार रहती है।

डायबिटीज मरीजों का शुगर लेवल करता है कंट्रोल

डायबिटीज मरीजों को मौसंबी का सेवन करना चाहिए। मौसंबी उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें विटामीन-सी की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए काफी असरदार साबित होता है। इसके अलावा मौसंबी में फाइबर और फ्लेवोनोइड्स खूब मात्रा में पाए जाते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद रहते हैं। फाइबर शरीर में पाचन और ग्लुकोज के अवशोषण को धीमा करता है और इससे ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है। बता दें कि मौसंबी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 40-50 के बीच होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी कम है। ऐसे में मौसंबी का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।

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वजन घटाने में करता है मदद

अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो आपके के लिए मोसंबी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। वजन घटाने के लिए मौसंबी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मौसंबी में कैलोरीज और फैट की मात्रा बहुत कम होती है। ऐसे में इसका सेवन आपके वजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा मौसंबी में विटामीन-सी की भी भरपूर मात्रा होती है, जो फैट करने में काफी मदद करता है।

मौसंबी में मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक पेट भरा रहने का अहसास और जल्दी भूख नहीं लगने देता है। और इसमें मौजूद सिट्रिड एसिड से आपको बार-बार कुछ खाने की क्रेविंग नहीं होती है। आपको बता दें कि मौसंबी के एक गिलास जूस में करीब 30 कैलोरीज होती हैं, इसीलिए इसे एक लो फैट ड्रिंक भी माना जाता है।

अगर आप मौसंबी के जूस में शहद मिलाकर पीते हैं तो यह वजन घटाने में काफी कारगर माना जाता है। वर्कआउट से पहले 20 मिलीलीटर कौशांबी का जूस पीने से आपको अतिरिक्त ऊर्जा भी मिलती है और साथ ही यह वजन भी घटाने में मदद करता है।

नर्वस सिस्टम को रखता है फीट

मौसंबी के सेवन से नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों से राहत मिलता है। यह मतली या बुखार को भी रोकने में मदद करता है। मौसंबी के जूस में ठंडक देने वाले गुण मौजूद होते हैं, जिससे यह मस्तिष्क को ठीक से काम करने में मदद करता है। मौसंबी दिमागी बुखार और अन्य मानसिक समस्याओं के इलाज में भी काफी मदद करता है। जूस तंत्रिकाओं को शांत रखने और चिंता के स्तर को कंट्रोल करने में भी यह मदद करता है।

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पाचन तंत्र को रखता है स्वस्थ्य

अगर आप पाचन संबंधी किसी भी समस्या जैसे अपच और गैस्ट्रिक समस्याओं से परेशान हैं तो आपके लिए मौसंबी का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। मौसंबी शरीर से कब्ज पैदा करने वाले हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालने में काफी मदद करता है। कब्ज जैसी समस्या से पीड़ित लोगों को मौसंबी के जूस का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। मौसंबी का सेवन करने से पेट में पचाने वाले जरूरी एंजाइम बनते हैं, जो बेकार के टॉक्सिन को बाहर निकाल कर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।

मौसंबी में फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं जो किसी भी तरह के भोजन के पाचन को सुधारने में काफी मदद करते हैं। साथ ही मौसंबी में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को भी स्वस्थ्य रखता है। कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए आपको नमक डालकर जूस पीना चाहिए, जो बहुत लाभकारी होता है। अगर आप सुबह खाली पेट मौसंबी के जूस का सेवन करते हैं तो इससे पाचन बेहतर बना रहता है। वहीं, अगर आप रात के समय में मौसंबी का जूस पीते हैं तो सर्दी और खांसी की समस्या हो सकती है।

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स्किन को रखता है स्वस्थ्य

मौसंबी में मौजूद विटामिन-सी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। मौसंबी स्किन के प्राकृतिक निखार को बरकरार रखता है। मौसंबी के जूस का रस लगाने से स्किन को कई फायदे मिलते हैं। जैसे दाग-धब्बे, मुंहासे को कम करता है। त्वचा को चमकदार बनाने और मुलायम बनाने में मदद करता है। यह स्किन को मॉइस्चराइज रखता है। साथ ही यह त्वचा की रंगत को हल्का करता है। मौसंबी के छिलकों में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है। अगर आप मौसंबी के छिलके को फेस पैक बनाकर स्किन पर प्रयोग करते हैं तो इससे आपको प्राकृतिक तौर पर निखार मिलेगा। स्किन पर मौसंबी का प्रयोग करने के लिए आपको सबसे पहले मौसंबी के छिलके को सूखाकर उसे पीसकर पेस्ट बना लें और फिर उसे चेहरे पर सीधा लगाकर मसाज कर सकते हैं। दाग-धब्बों को हटाने के लिए सीधा मौसंबी के रस को चेहरे पर लगाना चाहिए और उसके बाद उसे पानी से धो लेना चाहिए।

मौसंबी को सेवन करने के तरीके:

  • आप मौसंबी के जूस का सेवन डिटॉक्स ड्रिंक के तौर पर कर सकते हैं। मौसंबी का जूस बनाने के लिए आपको सबसे पहले मौसंबी को छीलकर टुकड़ों में काट लेना चाहिए और बीज को निकालकर अलग कर लेना चाहिए। मिक्सी में डालकर मौसंबी का जूस बना लें और फिर उसे कपड़े की मदद से छान लें और पिएं। इसमें काला नमक भी मिला सकते हैं।
  • आप नींबू के रस के साथ भी मौसंबी का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आपको मौसंबी को काटकर बीज निकाल लेना चाहिए। नींबू के रस में चीनी डालकर पिघलने तक हिलाएं। फिर उसमें नमक और जीरा पाउडर डालने के बाद ठंडा पानी मिला लीजिए।
  • मौसंबी को काटकर भी खाया जा सकता है।
  • आप मौसंबी के जूस में पानी और शहद मिलाकर भी सुबह पी सकते हैं। इससे आपका वजन कम हो सकता है।

मौसंबी के जूस के नुकसान:

अगर मौसंबी के जूस का अत्यधिक सेवन किया जाता है तो इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जैसे आपको अपच, अम्लता, जी मिचलाना, उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा मौसंबी जूस के अत्यधिक सेवन से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिसऑर्डर (जीईआरडी) और इनेमल (दांतों के बाहरी आवरण) को नुकसान पहुंचने से दर्द  हो सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

सवाल: क्या गर्भावस्था में मौसंबी के जूस का सेवन करना चाहिए?

जवाब: जी हां, गर्भावस्था में मौसंबी के जूस का सेवन मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।  गर्भवती महिलाओं को रोजाना मौसंबी के जूस का सेवन करना चाहिए। मौसंबी का जूस विकासशील शिक्षकों के विकास में सहायता करता है और उनमें कैल्शियम और पोटेशियम प्रदान करने में मदद करता है।

सवाल: क्या मौसंबी का जूस गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है?

जवाब: हां, मौसंबी का जूस गुर्दे की पथरी को बाहर निकालता है। खट्टा फल होने की वजह से मौसंबी पथरी के विकास के जोखिम को कम करता है। अगर गुर्दे में पथरी बनती भी है तो यह उसे बाहर निकाल देता है।

सवाल: क्या मौसंबी का जूस मतली को रोकने में मदद करता है?

जवाब: मौसंबी के जूस में बाइकार्बोनेट होते हैं, जो एक तरह का एसिड होता है और यह एसिड मतली को रोकने में मदद करता है।

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उम्मीद है कि आपको इस लेख में मौसंबी खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गई होगी। डायबिटीज में क्या खाएं और क्या नहीं इसके बारे में जानने के लिए और डायबिटीज फ़ूड और रेसिपीज पढ़ने के लिए BeatO के साथ बने रहिये।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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Anand Kumar

Anand Kumar

आनंद एक पत्रकार होने के साथ-साथ कंटेट राइटर भी हैं। फिलहाल वह BeatO पर हेल्थ से जुड़े विषयों पर लिख रहे हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। उनके पास मीडिया में काम करने का 4 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर ग्राउंड रिपोर्टिंग के साथ-साथ विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए कई लेख भी लिखे हैं।

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