स्पिरुलिना तलाबों, झीलों या जमा खारे पानी में पाया जाता है। यह पौधा जैसा वनस्पति होता है, जिसे शैवाल के नाम से जाना जाता है। यह नीले-हरे रंग का होता है। स्पिनरुलिना में पोटैशियम, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसका आयुर्वेद की कई दवाओं में प्रयोग किया जाता है। प्राचीनकाल से स्पिनरुलिना का प्रयोग किया जा रहा है। स्पिरुलिना को आयुर्वेद में सुपरफूड के नाम से जाना जाता है। 100 ग्राम स्पिरुलिना में 8 ग्राम फैट, 1,048 mg सोडियम, 1,363 mg पोटैशियम, 24g कार्बोहायड्रेट और 57g प्रोटीन मौजूद होते हैं।
स्पिरुलिना साइनोबैक्टीरिया का एक बायोमास है। इसका सेवन मनुष्य और जानवर करते हैं और इसकी तीन प्रजातियां होती हैं-आर्थ्रोस्पिरा प्लैटेंसिस, ए फ्यूसीफॉर्मिस और ए मैक्सिमा। स्पिनरुलिना लीवर फैट को कम करने से लेकर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। इसमें प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें 18 से ज्यादा विटामिन और मिनरल्स भी मिलते हैं।
स्पिनरुलिना से हमारे शरीर को विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और कैरोटीन मिलते हैं। स्पिनरुलिना से 60 फीसदी प्रोटीन और एमिनो एसिड्स हमारे शरीर को मिलते हैं। 7 ग्राम स्पिरुलिना में 4 ग्राम प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, कॉपर और आयरन मौजूद होते हैं। आइए इस लेख में स्पिरुलिना के फायदे और इससे जुड़े महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्पिनरुलिना का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्पिनरुलिना खून से कोलेस्ट्राल का लेवल कम करता और इससे रक्तचाप नियंत्रित होता है। इसके अलावा स्पिरुलिना बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। इससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और हार्ट भी स्वस्थ्य रहता है। स्पिनरुलिना में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो दिल में रक्त संचार को बहुत प्रभावी ढंग से बढ़ाता है। यह ह्रदय से जुड़े तमाम जोखिमों को भी कम करता है।
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स्पिरुलिना में मौजूद विटामिन बी-12, विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ई और आयरन जैसे पोषक तत्व हमारी स्किन को चमकदार बनाने में मदद करते हैं। जिन लोगों को आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स होते हैं उन्हें स्पिरुलिना का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स की समस्या दूर होती है।
स्पिरुलिना में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो कैंसर के रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्पिरुलिना शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को नष्ट कर देता है जो कैंसर की वजह बनते हैं। स्पिरुलिना ओरल कैंसर के खतरे को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है। कई अध्ययनों में इस बात का दावा किया गया है कि स्पिरुलिना के सेवन से ओरल सब म्यूकस फाइब्रोसिस से निपटा जा सकता है।
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स्पिरुलिना में प्रोटीन, क्लोरोफिल समेत कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो वजन घटाने में मददगार साबित होते हैं। आपको बता दें कि स्पिरुलिना में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिस वजह से लोगों को भूख नहीं लगती है। इसमें फैटी एसिड, क्लोरोफिल और बीटा कैरोटीन मौजूद होता है जो वजन कम करने में मदद करता है। आप इसका खाली पेट भी सेवन कर सकते हैं।
अगर आप कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं तो आपको स्पिरुलिना का सेवन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करता है और यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मददगार होता है।
स्पिरुलिना का सेवन डायबिटीज के मरीजों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों पर हुए एक अध्ययन से यह बात पता चली है कि स्पिरुलिना शुगर स्तर को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज मरीजों के शरीर पर आने वाली सूजन को इससे कम किया जा सकता है। अगर हर दिन 2 ग्राम स्पिरुलिना का सेवन करते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा।
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स्पिरुलिना में कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे लिवर को स्वस्थ्य बनाते हैं। इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन लिवर को अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। इसके अलावा स्पिरुलिना में सिस्टीन और मेथियोनीन जैसे सल्फर युक्त अमीनो एसिड भी मौजूद होते हैं जो लिवर से कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे जहर को बाहर निकालने का काम करते हैं। स्पिरुलिना लिवर से संबंधित बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस और सिरोसिस के खतरे से बचाने का काम करता है।
स्पिरुलिना के अंदर ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो डिप्रेशन को दूर करने और दिमाग को पोषण देने मे मदद करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड दिमाग को ऊर्जा देने और नए ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है, ताकि डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सके।
स्पिरुलिना में विटामिन ए मौजूद होता है जो आंखों में होने वाली बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। रेटिनाइटिस, जेराट्रिक मोतियाबिंद, नेफ्रैटिक रेटिनल जैसी समस्याओं का इलाज स्पिरुलिना के जरिए भी किया जा सकता है। इससे आंखों की रौशनी बढ़ने के साथ ही मसल्स को भी मजबूती मिलती है।
जो महिलाएं गर्भवती होती हैं उन्हें आयरन और फाइबर की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। स्पिरुलिना में आयरन और फाइबर मौजूद होता है जो गर्भवती महिलाओं में होने वाली आयरन की कमी को दूर करता है। शरीर में खून की कमी को भी स्पिरुलिना दूर करता है। इससे एनीमिया की समस्या दूर होती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या भी स्पिरुलिना दूर करता है।
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उम्मीद है कि आपको इस लेख से स्पिरुलिना के फायदे और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से पता चल गया होगा। अपने पुराने हो चुके ग्लूकोमीटर को छोड़े और BeatO स्मार्ट ग्लूकोमीटर खरीदें, जिसकी मदद से आप कभी भी और कहीं भी अपने शुगर लेवल की जाँच कर सकते हैं।
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