दाल खाने में जितनी स्वादिष्ट होती हैं, सेहत के लिए उतनी ही फायदेमंद भी होती हैं। मसूर, चना, अरहर आदि सभी दालों के अलग-अलग गुण और फायदे हैं। इनमें से एक बेहतरीन स्वाद और कई गुणों से भरपूर होती है, जो कि है हरी मूंग की दाल। हरी मूंग के फायदे बहुत है. आयुर्वेद में मूंग को इसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के कारण दालों की रानी और एक सुपरफूड कहा गया है। मूंग की दाल पाचन के संबध में सभी दाल और फलियों में सबसे हल्की होती है, साथ ही यह सबसे कम गैस बनाती है। मूंग दाल में कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन, विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी -6, नियासिन, थायमिन पाया जाता है। फाइबर आंतों से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का भी काम करता है। इसके साथ ही मूंग दाल के फायदे डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों के लिए किसी सुरक्षाकवच की तरह काम करते है. यहां पर हम आपको हरी मूंग दाल खाने के फायदे के बारे में बता रहे हैं. इसके साथ ही यह भी बता रहे हैं कि इसका डायबिटीज में क्या फायदे मिलते हैं.
हरी मूंग में मिलते हैं ये पोषक तत्व (Nutrients in Green Moong in Hindi)
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्वों और विटामिंस की जरूरत होती है, इसके लिए रोजाना के खान पान में पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है। दालों में भरपूर मात्रा में कई विटामिंस और पोषक तत्व मौजूद होते हैं, यही कारण है कि खाने में दालों को शामिल करने स्वास्थ्य लाभ पाने का एक अच्छा विकल्प माना जाता है। इसी तरह हरे मूंग की दाल सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। मूंग दाल में प्रोटीन, फाइबर, जिंक, विटामिन B1, आयरन, कॉपर समेत कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।हरी मूंग को क्लासिक दाल, स्वादिष्ट स्नैक्स, पौष्टिक सलाद के अलावा और भी अन्य तरीकों से अपने खाने में शामिल किया जा सकता हैं। आइए जानते है मूंग दाल के फायदे के बारे में।
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हरी मूंग के फायदे (Benefits of Green Moong in Hindi)
हरी मूंग के फायदे नीचे बताये गए हैं:
प्रोटीन और फाइबर से भरपूर
मूंग की दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है। इनमें मौजूद प्रोटीन भूख को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होता है इसलिए हरी मूंग के फायदे डायबिटीज मरीजों के लिए सब से खास माने जाते है। साथ ही मूंग दाल में फाइबर की मात्रा आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और आसानी से पच भी जाती है। यह दाल विटामिन, और मिनरल्स से भी भरपूर होती है, जो ब्लड शुगर को सामान्य रखने में मदद कर सकती है।
वजन नियंत्रण में मददगार
हरी मूंग के फायदे में इस का वजन नियंत्रण में मददगार होना भी शामिल है, हरी मुंग की दाल कोलीसिस्टोकाइनिन हार्मोन के काम को बढ़ाने में मदद करती है। नतीजतन, यह आपको खाने के बाद भरा हुआ महसूस कराता है और मेटाबॉलिज्म रेट में सुधार करता है। इस प्रकार, यह आपको अधिक खाने से रोक कर वजन को नियंत्रित करने में योगदान देता है। हरी मूंग दाल विशेष रूप से फाइबर पर उच्च होती है। इसी वजह से इसे डाइट में शामिल जरूर किया जाना चाहिए।जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, वे मूंग दाल को कई तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
मूंग दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। डाइट चार्ट की मानें तो मूंग दाल में 38 ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। इस तरह हरी मूंग दाल शुगर कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाती है। हरी मूंग के फायदे को सही रूप से अपने जीवन में शामिल करने के लिए आप दाल को भिगो लीजिये जिस से इस के ग्लाइसेमिक लोड कम और करने में मदद मिलती है। ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में बनाये रखने के लिए यह एक अच्छा विकल्प की रोजाना मूंग की दाल का सही मात्रा में सेवन किया जाएँ।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करें
हरी मूंग के फायदे में दाल इस का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स गुण शामिल है, जिसका अर्थ है कि यह ब्लड सर्कुलेशन में धीमी गति से चीनी का अवशोषण होता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में अचानक बढ़ोतरी को रोका जा सकता है। दरअसल, जिन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है उनके सेवन से खून में ग्लूकोज का लेवल तेज गति से नहीं बढ़ता और इस तरह डायबिटीज की स्थिति को नियंत्रित कर पाना आसान हो सकता है।
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एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
मूंग की दाल में पर्याप्त मात्रा में के5 एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं। अधिक मात्रा में फ्रीरेडिकल्स के कारण हार्ट डिजीज, शरीर में कैंसर, इनफ्लामेशन, आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मूंग की दाल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट सेल्स को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं, सूजन को कम करते हैं और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रोल करेगा कंट्रोल
हरी मूंग खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करके ह्रदय स्वस्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायक है। ध्यान रहे कि कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना यह फ्री रेडिकल्स डैमेज, सूजन और दिल के रोगों से जुड़ा है। हरी मूंग के फायदे में शामिल इस का एंटीऑक्सीडेंट गुण इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।
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ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल
हरी मूंग दाल में पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्लड वेसल्स सुचारू रहते हैं और ब्लड का सर्कुलेशन निर्बाध रहता है। जिस कारण शरीर का बीपी नियंत्रित रहता है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दाल का सेवन दिमाग को भी शांत रखने में मददगार हो सकता है।
सूजन में कारागार
शरीर मे सूजन की समस्या होने पर मूंग दाल का सेवन लाभदायक हो सकता है। मूंग दाल में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स, जैसे कि विटेक्सिन, गैलिक एसिड, और आइसोविटेक्सिन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन और इससे होने वाले दर्द के इलाज में मदद कर सकते हैं। ऐसे में गठिया के मरीज के लिए मूंग दाल खाना अच्छा साबित हो सकता है।
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डायबिटीज अनुकूल खान -पान में मूंग दाल को कैसे शामिल करें?
डायबिटीज अनुकूल खान -पान में मूंग दाल को कैसे शामिल करें इसके बारे में नीचे बताया गया है:
- आप हरी मूंग दाल का इस्तेमाल कर स्वादिष्ट कटलेट बना सकते हैं। यह हेल्दी नाश्ते का शानदार ऑप्शन है।
- मेथी और मूंग दाल का कॉम्बिनेशन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए मूंग की दाल बनाते समय मेथी की पत्तियों को डाल सकते हैं। इस दाल को रोटी या चावल के साथ भी खाया जा सकता है।
- गरमागरम मूंग दाल की खिचड़ी की बात ही अलग होती है। यह स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। आप इसे घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो लंच या डिनर में मूंग दाल की खिचड़ी जरूर शामिल करें।
निष्कर्ष – दाल आपके डाइट में शामिल करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। अपने लो-ग्लाइसेमिक प्रोफाइल के कारण दालें चावल और गेहूं जैसे अनाज से भी बेहतर हैं। हमने मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल आदि जैसे कुछ अच्छे विकल्पों की खोज की है। जो आपके शुगर लेवल को सही बनाए रखने और जरूरी पोषक तत्व(न्यूट्रिशन) प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन मात्रा का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। लेकिन याद रखें हरी मूंग को भिगो कर स्प्राउटेड मूंग के गुण बदल जाने से उसका आप के स्वास्थ्य पर प्रभाव अलग हो सकता है, इसलिए किसी भी रूप में इस का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।
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