हाइपोग्लाइसीमिया, या लो ब्लड शुगर, एक ऐसी स्थिति है जब, खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। ऐसे में, हमारे शरीर में मधुमेह से जुड़े कुछ लक्षण या चेतावनी संकेत सामने आने लगते है।
यह लक्ष्ण हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं, जैसे कि –
ब्लड शुगर लेवल के कम होने के कारण-
अगर आपके ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आती है, तो सोने से पहले कुछ नाश्ता ज़रूर करें, जैसे कि प्रोटीन या कॉम्प्लेक्स कार्ब्स (जिन में डाइटरी फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है) साथ ही ऐसे में, डॉक्टर द्वारा की गयी जांच के आधार पर आप की इंसुलिन की खुराक में भी बदलाव की ज़रुरत हो सकती है।
जैसे ही आपका शुगर लेवल कम हो जाए, तो तेजी से काम करने वाला ग्लूकोज खाएं या पिएं, जैसे कि –
जब भी आप का ब्लड शुगर कम हो, तो समय और तारीख रिकॉर्ड करें ताकि आप डॉक्टर से इस पर चर्चा कर सकें। अगर डॉक्टर को कोई पैटर्न नज़र आता है, तो वे आप की दवाओं में कुछ ज़रूरी बदलाव कर सकते हैं।
हाइपोग्लाइसीमिया का इलाज
हाइपोग्लाइसीमिया, ज़रुरत से ज्यादा इंसुलिन लेना, मुश्किल व्यायाम और खाने के बीच लंबे अंतराल, सही समय पर खाना न खाने और खास तौर पर नाश्ता न करने की आदत के कारण हो सकता है। समय-समय पर अपने ब्लड शुगर के पैटर्न पर नज़र रखने के लिए ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कर के आप अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित रूप से जांच करते रहें।
अगर आप लगातार शुगर लेवल कम होने की समस्या से जूझ रहें हैं, तो आप को अपने खान-पान में बदलाव करने की ज़रुरत है, जिसमें चीनी का सेवन कम करना और पूरे दिन नियमित अंतराल में अपने खाने को छोटे भागो में बाँटना शामिल है।
जब आपकी रीडिंग सामान्य शुगर लेवल से कम हो, तो तुरंत और तेजी से काम करने वाली चीनी का सेवन करें, जैसे कि –
इन का सेवन करने के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करना एक अच्छा कदम होगा और अगर इस के बाद भी आप की ब्लड शुगर लेवल रीडिंग कम बनी हुई है, तो तेजी से काम करने वाली चीनी के सेवन को फिर से दोहराएं।