एक वाहन को सड़क पर फर्राटा भरने के लिए जिस तरह से अच्छे इंधन ऑयल की जरूरत होती है, उसी तरह आपका शरीर भी है। इसे दिनभर एक्टिव बनाए रहने के लिए बॉडी में अच्छी मात्रा में ब्लड को होना जरूरी होता है। आपके शरीर में ब्लड सही मात्रा में है या नहीं इसे जानने के लिए एमसीवी टेस्ट (MCV Test) किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए ये पता लगाया जाता है कि आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) और स्वेत रक्त कोशिकाएं (WBCc) की मात्रा और आकार सही है या नहीं। अगर ये आपके शरीर में सही मात्रा और आकार में नहीं है तो आपको एनिमिया से लेकर सांस लेने में कठिनाई तक का सामना करना पड़ सकता है। आइये विस्तार में जानते हैं कि एससीवी टेस्ट (MCV Test in Hindi) क्या है और इसे करवाने के लिए डॉक्टर कब कहते हैं।
एमसीवी टेस्ट का फूल फॉर्म मीन कॉर्पसकुलर वॉल्यूम है। इस टेस्ट के तहत लाल रक्त कोशिकाओं का अध्ययन किया जाता है। इस टेस्ट ये पता लगाया जाता है कि आपके शरीर में बहने वाले खून में लाल रक्त कोशिकाओं का औसत आकार या आयतन क्या है। डॉक्टर इस टेस्ट को इसलिए भी करवाने के लिए कहते हैं कि वह इस बात का पता लगा सकें कि आपको किस प्रकार का एनीमिया हो सकता है।
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आपको बात दें कि लाल रक्त कोशिकाएं आपके फेफड़ों से आपके सिर से लेकर पैर तक की कोशिका तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है। इसके साथ ही यह आपकी कोशिकाओं को बढ़ाने, प्रजनन और हेल्दी रखने में बहुत बड़ा रोल अदा करती है। अगर ये बहुत छोटी या बहुत बड़ी हैं, तो आपको ब्लड संबंधित बीमारियां जैसे, एनीमिया, विटामिन की कमी या इसके अलावा दूसरी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
MCV Test को ब्लड काउंट में मौजूद विभिन्न ब्लड कॉम्पोनेंट की मूल्य को मापने के लिए किया जाता है। डॉक्टर इस टेस्ट को एनीमिया, असामान्य प्लेटलेट या फिर सफेद रक्त कोशिका की गिनती जैसे कुछ ब्लड के बीमारियों के डाइग्नोसिस और मोनीटर करना हो तो करवाते हैं। वहीं देखा जाए तो इस टेस्ट को अक्सर डॉक्टर एनिमीया के प्रकार की पहचान करने के लिए कहते हैं। ताकि उसका पता लगते ही इलाज शुरू किया जा सकें।
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एमसीवी के नार्मल लेवल्स उम्र और लिंग के ऊपर निर्भर करता है। एक शोध के मुताबिक, 12-18 वर्ष की आयु के पुरुषों के लिए एमसीवी का लेवल 88 fL होता है। वहीं, वस्यकों के लिए यह लेवल 90 fL होता है। महिलाओं की बात करें तो 12 साल से ऊपर की सभी उम्र की महिलाओं के लिए इसका लेवल 90fL होता है। अगर आपका एमसीवी लेवल इसके मुताबिक नहीं है तो आपको किसी तरह का अंडरलाइंग डिसऑर्डर हो सकता है।
एसमीवी ब्लड लेवल चार्ट | ||
आयु | लिंग | एसमीवी ब्लड लेवल |
बच्चे (6-12 वर्ष) | पुरुष | 86 fL |
महिलाएं | 86 fL | |
12 – 18 वर्ष | पुरुष | 88 fL |
महिलाएं | 90 fL | |
वयस्क (18 वर्ष से ज्यादा) | पुरुष | 90 fL |
महिलाएं | 90 fL |
MCV Test में अगर आपका लेवल 80 fL से नीचे आता है तो इसका मतलब होता है कि आपकी लाल रक्त कोशिकाएं छोटी है। जिसके कारण आप आयरन की कमी वाले एनीमिया या थैलेसीमिया के शिकार हो सकते हैं। शरीर में आयरन की कमी होने का मतलब है कि शरीर में खून की कमी है, ब्लड आयरन का अवशोषण कम कर रहा है। वहीं, थैलेसीमिया एक जेनेटिक कंडीशन होती है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बनता है।
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एमसीवी टेस्ट में हाई लेवल हो तो यह ये बड़ी लाल रक्त कोशिकाओं के बारे बताता है और इसका मूल्य 100 fL से ज्यादा होता है। अगर आपके टेस्ट में ये हाई है तो आपको विटामिन बी-12 या फोलिक एसिड की कमी और लीवर की बीमारी या हाइपरथायरायडिज्म जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अगर बिना किसी लक्षण के टेस्ट में एमसीवी हाई आता है तो इसे मैनेज करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन इसके लक्षण दिखाई देने पर आपके लिए मुसिबत बन सकती है। इसे ठीक करने के लिए आपको इसके बढ़ने के मूल कारण को सही करना होगा। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं, किसी व्यक्ति में विटामिन या पोषक तत्वों की कमी हो रही है। आपको आपनी डाईट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाना होगा। डॉक्टर की सलाह पर मौजूदा थेरेपी में बदलाव करें।
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इस टैस्ट के दौरान एक छोटी सुई के जरिए आपके हाथ की नस से ब्लड का सैंपल लिया जाता है। आपके हाथ से निकाले गए ब्लड को एक टेस्ट ट्यूब में एकत्र किया जाएगा। जब ब्लड का सैंपल लेने के लिए आपको सुई लगाई जाएगी तो आपको हल्की सी चुभन महसूस हो सकती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस टेस्ट को करवाने से पहले आपको किसी तरह की विषेश तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है। अगर डॉक्टर आपके ब्लड सैंपल से एक साथ कई टेस्ट करवाने के लिए कहते हैं तो आपको टेस्ट से पहले कई घंटों तक कुछ खाना या पीना नहीं करना पड़ सकता है।
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