ब्लड शुगर लेवल की जांच करते समय कभी न करें ये 8 गलतियाँ

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मधुमेह के साथ जीवन जीना और इस का प्रबंधन, कुछ ज़रूरी नियमों के पालन से जुड़ा होता है, जिसमें नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल(रक्त शर्करा) का परीक्षण करना सबसे ज़रूरी हिस्सा है। आप अपने ग्लूकोज के स्तर पर न सिर्फ अपने खान – पान, व्यायाम और जीवनशैली में हुए बदलावों के प्रभाव को समझ सकते हैं, बल्कि आप अपने इस सफ़र में शामिल आप के मधुमेह शिक्षक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ इस की चर्चा भी कर सकते हैं। जो मधुमेह को नियंत्रित करने और सामान्य ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में आप की बेहतर मदद कर सकते हैं। क्या आप अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते समय कुछ गलतियाँ कर रहे हैं?

हालांकि शुगर जांच करने वाला डीवाईस (उपकरण) यानि कॉम्पैक्ट ग्लूकोमीटर बार-बार शुगर परीक्षण के माध्यम से मधुमेह के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करते हैं, चाहे आप ऐसा करते आ रहे हो लेकिन फिर भी इन डीवाईस का इस्तेमाल हमेशा सही देखभाल के साथ और सही दिशानिर्देशों के साथ किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रीडिंग सटीक आ रही है। आइए मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए शुगर जांच करने वाले डीवाईस का इस्तेमाल करके ब्लड शुगर लेवल की रीडिंग लेते समय आमतौर पर की जाने वाली कुछ गलतियों पर एक नज़र डालें।

ब्लड  शुगर लेवल की रीडिंग लेते समय होने वाली 8 गलतियाँ

मधुमेह प्रबंधन के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, ग्लूकोमीटर खरीदने के चरण से लेकर उसके आखरी इस्तेमाल  तक, ज्यादातर मधुमेह से ग्रसित लोग के द्वारा की जाने वाली निम्नलिखित गलतियों को रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान दिया जाना चाहिए:

1. ऐसा ग्लूकोमीटर ख़रीदना जो आपके लिए उपयोगी न हो

हर किसी की जीवनशैली और ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं लेकिन एक चीज़ जो सभी मधुमेह से ग्रसित से लोगो के लिए समान रहती है यानि रोज़ अपने ब्लड शुगर लेवल को मापना। अगर आप अक्सर सफ़र करते हैं, तो आपको एक ग्लूकोमीटर की ज़रुरत होती है जो ग्लूकोज के लेवल को मापने के लिए, कही भी ले जाने में आसान और तुरंत रीडिंग देने वाला हो। घर पर मौजूद बुजुर्गों के लिए बड़े डिस्प्ले वाला ग्लूकोमीटर इस्तेमाल करना और पढ़ना ज्यादा सुविधाजनक होगा।

2. ऐसा ग्लूकोमीटर ख़रीदना जो आपके स्वास्थ्य बीमा द्वारा कवर नहीं किया गया हो

 जब मधुमेह से ग्रसित से लोगो के द्वारा उपयोग किए जाने वाले ग्लूकोमीटर को कवर करने की बात आती है तो कुछ बीमा कंपनियों के पास पहले से निर्धारित मानदंड होते हैं। ऐसे मामले में, हमेशा ऐसे डीवाईस और मधुमेह से जुड़ी अन्य चीजों का चयन करने की सलाह दी जाती है जिसके लिए कवरेज उपलब्ध है, क्योंकि यह आपको लंबे समय तक भारी लागत को कवर करने में मदद करेगा।

3. ग्लूकोमीटर का गलत सेटअप और जांच का गलत समय

अगर तारीख, दिन और समय से जुड़े बुनियादी शुगर टेस्ट ठीक से नहीं किये जाते है, तो आपकी सभी रीडिंग रिमाइंडर और शुगर लेवल लॉग गड़बड़ा सकते हैं। इसके अलावा, खाने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करना एक और बड़ी गलती है क्योंकि इस से रीडिंग गलत आती है। अगर आप मधुमेह इंसुलिन का उपयोग कर रहे हैं तो ज्यादा सावधानी रखें।

 4. शुगर परीक्षण से पहले हाथ न धोना

सफाई बनाए रखना ब्लड शुगर लेवल की जांच का अब तक का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। रीडिंग लेने से पहले हाथ धोना याद रखें, भले ही आपके हाथ साफ क्यों न दिखें। खास तौर से अगर आपने रीडिंग लेने से पहले किसी फल को पकड़ा है, तो यह आपके जांच के परिणामों पर काफी असर डालता है।

5. उंगलियों को चुभाना

उंगली के सिरे को चुभाने से न सिर्फ ज्यादा दर्द होता है, बल्कि इससे खून भी कम निकलता है। उँगलियाँ सभी तंत्रिका सिरे (नर्वस एंडिंग) से बनी होती हैं और इन्सान के शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा होती हैं। इसलिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि हाथों को उँगलियों और हथेलियों को एक साथ दबाकर सपाट रखें और फिर किनारों को चुभाएँ।

6.जांच के परिणामों पर नज़र न रखना

लगातार परीक्षण करना लेकिन शुगर लेवल के परिणामों पर नज़र न रखना उतना ही बुरा है जितना कि पहली बार में रीडिंग न लेना। अगर कोई मधुमेह मधुमेह से ग्रसित लोग रीडिंग पर नज़र नहीं रख रहा है, तो वे यह समझ नहीं पाएंगे कि उन का ब्लड शुगर लेवल कितना बड़ा है।

7. खाना छोड़ना

हालाँकि, यह आप को ज़रूरी नहीं लग सकता है लेकिन जब आप मधुमेह वाले या बिना मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए स्वस्थ शरीर की कार्यप्रणाली(फंक्शन) से जुड़े इस के महत्व की बड़ी तस्वीर देखेंगे, तो आप इस को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। खाना न खाने से आपके ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ सकता है जिससे मधुमेह के लिए प्रतिरोध या इंसुलिन की स्थिति पैदा हो सकता है।

 8. हाइड्रेटेड न रहना

शराब से बचें और इस बात का ध्यान रखें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पियें क्योंकि निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) आपके ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है। पानी की कमी से शरीर की पूरी कार्यप्रणाली प्रभावित होने का भी खतरा होता है।

इन सभी गलतियों से बचा जा सकता है अगर कोई भी अपनी शुगर रीडिंग को लेकर थोड़ा सतर्क रहे और यह ध्यान दें कि वह ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करते समय सभी सावधानियों का पालन कर रहा है। हालांकि नियमित रीडिंग लेना उतना ही ज़रूरी है, जैसे कि मधुमेह के लिए इंसुलिन लेना। ध्यान दें कि जांच के परिणाम हर बार सटीक हों और मधुमेह प्रबंधन ऐप में आप की सुविधा के लिए सेव किये जाएं।

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Jyoti Arya

एक पेशेवर आर्टिकल राइटर के रूप में, ज्योति एक जिज्ञासु और स्व-प्रेरित कहानीकार हैं। इनका अनुभव चर्चा-योग्य फीचर लेख, ब्लॉग, समीक्षा आर्टिकल , ऑडियो पुस्तकें और हेल्थ आर्टिकल लिखने में काफ़ी पहले से है ।ज्योति अक्सर अपने विचारों को काग़ज़ पे लाने और सम्मोहक लेख तैयार करने में व्यस्त रहती हैं, और पढ़को को मंत्रमुग्ध करें देती हैं।