RDW ब्लड टेस्ट किसी व्यक्ति के लाल रक्त कोशिकाओं के आकार और आकार में अंतर को जानने के लिए किया जाता है. इन दोनों का पता लगाने के अलावा ये एनीमिया के होने के कारण के बारे में भी बताता है. इसे सीबीसी टेस्ट के अंदर ही किया जाता है. जो ब्लड में प्लेटलेट्स सहित लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं के बारी में सारी जानकारी बताता है. आइये विस्तार में जानते हैं कि आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट (RDW Blood Test in Hindi) क्या है. इसे करवाने की जरूरत क्यों पड़ती है और इसके रिजल्ट को आप किस तरह से समझ सकते हैं.
आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट के जरीए मरीज के शरीर में पाए जाने वाले रेड ब्लड सैल्स के शेप और साइज को जानने और मापने के लिए किया जाता है. इस टेस्ट की मदद से सबसे बड़ी और सबसे छोटी रेड ब्लड सैल्स की तुलना करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही इससे हीमोग्लोबिन के कमी के कारण होने वाले एनीमिया की बीमारी का पता लगाने और निगरानी करने में मदद मिलती है. बता दें कि नार्मल रेड ब्लड सैल्स को एरिथ्रोसाइट्स के रूप में जाना जाता है, जो स्टेपल डिस्क शेप के होते हैं. अगर ये औसत से छोटी या बड़ी है, तो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें- क्या है एचसीवी टेस्ट (HCV Test), क्यों किया जाता है और कब
आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट को विशेष रूप से एनीमिया और दूसरी बीमारियों के डायग्नोसिस के लिए किया जाता है. एनीमिया के अलावा डॉक्टर आपको नीचे बताई गई किसी भी बीमारी के पुष्टि केे लिए इस टेस्ट को करवाने की सलाह दे सकता है.
ये भी पढ़ें- क्या होता है HCT ब्लड टेस्ट (HCT Blood Test), जानें पूरी रिपोर्ट का मतलब
हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि इस टेस्ट को सीबीसी टेस्क के रूप में किया जाता है. टेस्ट का बेहतर रिजल्ट आए इसके लिए डॉक्टर या लैब तकनीशियन आपका ब्लड सैंपल लेने से पहले कम से कम 8 घंटे तक कुछ नहीं खाने की सलाह देते हैं. टेस्ट के दौरान आपके बांह से ब्लड का सैंपल लिया जाता है. जिसे आगे के इवैल्यूएशन के लिए भेजा जाता है.
इस टेस्ट की रिपोर्ट आने में करीब 12 से 24 घंटे लगते हैं. इसका नार्मल रेंज 12.2 से 16.1% होती है और महिलाओं और पुरुषों में 11.8 से 14.5 होती है. इस टेस्ट का हाई लेवल एनीमिया, शरीर में पोषक तत्वों की कमी के बारे में बताने के साथ ही इंफेक्शन की संभावनाओं के बारे में भी बताता है.
ये भी पढ़ें- क्या होता है RBS टेस्ट (RBS Test in Hindi), जानें उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल
टेस्ट का रिजल्ट नॉर्मल आने का सीधा मतलब है कि सभी रेड ब्लड सेल्स समान आकार की है. औसत RDW 12 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच होती है. एक नॉर्मल रिजल्ट यह नहीं बताता कि आपके इलाज में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हैं.
अगर आपका टेस्ट रिजल्ट हाई हो तो इसका मतलब है कि रेड ब्लड सेल्स के आकार में अधिक परिवर्तन हुए हैं. ये एनीमिया या इससे संबंधित बीमारी के बारे में बताते हैं. इसके साथ ही यह भी पता चलता है कि आपके शरीर में फोलेट, आयरन या विटामिन B12 जैसे पोषक तत्वों की कमी है. रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर आपका मैक्रोसाइटिक एनीमिया का डायग्नोसिस कर सकता है. इस स्थिति में रेड ब्लड सैल्स अपने सामान्य आकार से छोटी या से बड़ी होती हैं. एक्यूरेट डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर आपको MCV टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं.
ये भी पढ़ें- RA फैक्टर टेस्ट (RA Factor Test) क्या होता है, जानिए कारण, लक्षण और इलाज
अगर आपका टेस्ट रिजल्ट लो आता है तो आपको किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये शरीर के किसी भी कॉम्प्लीकेशन्स से जुड़े हुए नहीं होते हैं.
अगर आपका RDW लेवल बढ़ गया है को उसे आप अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाकर कम किया जा सकता है.
अपनी डाइट पर ध्यान दें- अक्सर शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण RDW लेवल घटता-बढ़ता है. शरीर में आयरन, फोलेट और विटामिन बी 12 की कमी और ज्यादा होने पर ऐसा होता है. RDW लेवल मैनेज करने के लिए अपनी डाइट के साथ सप्प्लिमेंटिंग करना महत्वपूर्ण है.
धूम्रपान और शराब से बनाएं दूरी- शोध के मुताबिक, जो लोग धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं, उनका RDW लेवल घट-बढ़ सकता है. इसलिए इन दोनों का सेवन करने से बचें.
ये भी पढ़ें- थायरॉइड मरीज ऐसे समक्षे अपनी टेस्ट रिपोर्ट
अच्छी नींद लें- RDW लेवल अच्छी नींद नहीं आने के वजह से बढ़ और घट सकता है. इसलिए इसे सामान्य रखने के लिए अच्छी नींद जरूर लें.
रोजाना करें व्यायाम- शोध के मुताबित, उन लोगों का RDW लेवल अधिक होता है, जो लोग आलसी और गतिहीन जीवन शैली जीते हैं. इसलिए रोजाना करीब 30 मिनट तक व्यायाम जरूर करें.
RDW लेवल कई कारणों से अधिक हो सकता है. जिसका पता लगाने के लिए ही आरडीडब्ल्यू ब्लड टेस्ट करवाया जाता है. इसलिए हमारी तरफ से सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर से एक बार जरूर चेकअप करवाएं. अगर आपका RDW लेवल बढ़ गया है तो आप उसे प्रॉपर मेडिकल इंटरवेंशंस के साथ मैनेज किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- क्या होता है एमपीवी ब्लड टेस्ट (MPV Blood Test), कैसे…क्यों और कब होता है, जानिए
क्या आपको भी एक अच्छे और भरोसेमंद डायबिटीज डॉक्टर की तलाश है, तो 25+ वर्षों के अनुभव के साथ नेशनल डायबेटोलॉजिस्ट पुरस्कार विजेता डॉ. नवनीत अग्रवाल को चुनें। जो घर बैठे डायबिटीज नियंत्रण करने के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।