दीपा कांबले
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहती हैं
टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित
दीपा कांबले 41 साल की हैं और अपने पति और दो बेटों के साथ महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहती हैं। 2019 में, उन्होंने अपने थायराइड की जांच करायी थी और तभी उन्हें पता चला कि उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ है। उनकी सुस्त जीवनशैली उनकी मधुमेह की स्थिति का एक प्रमुख कारण थी।
“मैं 2019 में कोविड से संक्रमित हो गयी थी और मेरा शुगर लेवल 600 mg/dL तक बढ़ गया। डॉक्टर ने कहा कि मेरी केवल 15 प्रतिशत ही बचने की उम्मीद हैं।
मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मुझे डायबिटीज़ है। पहले मेरे काफ़ी ऑपरेशन हो चुके थे, इसलिए मैं और मेरे पति बहुत घबरा गए थे।”
“मैंने शुगर और थायरॉइड के एक विशेषज्ञ से सलाह ली। मैंने एक दिन में 48 यूनिट इंसुलिन लेना शुरू कर दिया। यह बहुत मुश्किल और दर्दभरी प्रक्रिया थी और इसकी वजह से मेरा वजन भी बढ़ने लगा साथ ही मेरी त्वचा में सूजन आने लगी।”
दीपा अपने मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए एक आसान और कम लागत वाला प्रभावी तरीका खोज रही थी और उन के डॉक्टर ने उन्हें नियमित रूप से अपनी शुगर लेवल की जांच करने की सलाह दी थी।
“मुझे मार्च 2022 में इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन के माध्यम से बीटो के बारे में पता चला। मैं शुगर की जाँच करने वाले एक अच्छे उपकरण की खोज में थी, तभी मुझे पता चला कि बीटो ग्लूकोमीटर बहुत किफायती है। मैंने इसे ऑर्डर किया और यह 5 दिनों के अंदर मुझे डिलीवर भी कर दिया गया।
दीपा ने बीटो के 6 महीने की डायबिटीज़ रिवर्सल योजना को चुना। उन्हें हर दिन 30 मिनट की सैर करने और अपने खान -पान में बदलाव करने की सलाह दी गई।
“इन योजनाओं के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि ये काफी सस्ती हैं। मैं डॉ. नवनीत और मेरे स्वास्थ्य प्रशिक्षक मिस हिमांशी और मिस अक्षिता द्वारा दी गई सभी सलाहों का सख्ती से पालन करती हूँ। उन्होंने लाइव सत्र में बीटो कर्व ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करने के तरीके के साथ ही, सब कुछ बहुत अच्छे से समझाया। ”
दीपा ने बीटो के देखभाल कार्यक्रम के साथ बेहतरीन सुधार कर के दिखाया है। उनका HbA1c 11.6% से घटकर 7.9% हो गया। पहले वह एक दिन में 48 यूनिट इंसुलिन लेती थीं, जो कि अब शून्य पर आ गया है। वह अब ज्यादा ऊर्जावान और तनाव-मुक्त महसूस करती है।
“बीटो के देखभाल कार्यक्रम के साथ मेरे 90% तक मधुमेह के लक्षण ख़तम हो गए हैं”
वह थकान, शरीर में खुजली आदि जैसे लक्षणों से परेशान रहती थी। वह सभी अब ख़त्म हो गयी है
वह कहती हैं कि उनके स्वास्थ्य प्रशिक्षकों ने उनके शुगर लेवल को नियंत्रित करने में एहम भूमिका निभाई है। साथ ही उन के स्वास्थ्य प्रशिक्षक उन से रोज़ाना के खान-पान के बारे में चर्चा करते है और उस के अनुसार ही उन के खान -पान में सुधार के लिए उन्हें सुझाव देते हैं। दीपा कहती हैं कि उन के द्वारा बताई गयी मधुमेह अनुकूल रेसेपी बहुत आसानी से बनायी जा सकती है।
“मेरे स्वास्थ्य प्रशिक्षकों का बहुत योगदान रहा है। उनकी मदद से ही ये बदलाव संभव हुआ है”
“मैं अपने शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं कर पाती, अगर मैंने इंस्टाग्राम पर बीटो ऐप नहीं देखा होता “
दीपा को यात्रा करना और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद है। वह अब अपनी सभी पसंदीदा गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग, डांसिंग आदि का बेफिक्र हो कर आनंद ले सकती है।
वह बीटो को ‘मां के जैसा’ बताती हैं
मधुमेह संबंधी समस्याओं पर नियंत्रण पाने से उन में आत्मविश्वास की एक नई भावना पैदा हुई है। उन्होंने अपने उन सभी दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी बीटो केयर प्रोग्राम से जुड़ने की सलाह दी है जो अपनी मधुमेह की स्थिति में सुधार लाना चाहते हैं। वह कहती हैं कि यह कार्यक्रम मधुमेह और गैर-मधुमेह दोनों प्रकार के लोगों को लाभान्वित कर सकता हैं।