गौरव शर्मा
37 वर्ष, फार्मासिस्ट
टाइप 2 डायबिटीज से ग्रषित
गौरव शर्मा अपनी पत्नी, माता-पिता और दो बच्चों के साथ रांची में रहते हैं। दिसंबर 2015 में उन्हें यह मालूम हुआ कि उन्हें टाइप 2 मधुमेह है।
मुझे बहुत ज्यादा प्यास और बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण महसूस होने लगे थे । तभी मैंने जांच कराने का फैसला किया और तब मुझे पता चला कि मुझे टाइप 2 डायबिटीज है। मैं रोज पुलाव खाता था, साथ ही हर वक्त काफी तनाव में भी रहता था। ये मेरी मधुमेह की स्थिति को बढ़ावा देने वाले कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं।
गौरव शर्मा ने एक डायबिटीज विशेषज्ञ से सलाह ली और जिन्होंने उन्हें कुछ दवाएं दीं। वह एक दिन में आठ रोटी खाते थे और डॉक्टर ने सलाह दी थी कि उन्हें कार्ब का सेवन कम करना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इससे उन्हें अपने बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद मिलेगी। इस दौरान, उन्होंने कुछ आयुर्वेदिक दवाएँ भी आज़माईं। जब वह अपनी डायबिटीज की स्थिति से निपटने के लिए एक प्रभावी और बेहतर उपाय ढूंढ रहे थे तब उन्हें BeatO के बारे में पता चला।
“मुझे एक दोस्त के माध्यम से Beato के बारे में पता चला और मैं मार्च 2022 में केयर प्रोग्राम से जुड़ गया।
मेरी हेल्थ कोच ने मुझे अपने खान – पान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह दी थी। मेरी स्वास्थ्य प्रशिक्षका पूजिता ने इस बात का खास ध्यान रखा कि मेरा खाना मेरी ऊर्जा की ज़रूरतों से मेल खाए। कार्यक्रम के अंतर्गत तय किये गए मेरे खान-पान पर बने रहने से मुझे कभी भी ऊर्जा की कमी महसूस नहीं होती है। मैं हर दिन योगाभ्यास भी करता हूं और मुश्किल व्यायाम करने से बचता हूं।
गौरव शर्मा ने केयर प्रोग्राम में रहते हुए सिर्फ तीन महीनों के अंदर अविश्वसनीय सुधार किए हैं बल्कि उनका वजन भी 8 किलोग्राम कम हो गया है और उनका HbA1c 7.5% से घटकर 6.9% हो गया है। उनकी फास्टिंग रीडिंग भी 200 mg/dL से घटकर 110 mg/dL हो गई है।
हेल्थ कोच की भूमिका इस कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे आपको समय-समय पर मार्गदर्शन और सलाह देते हैं। वे आपको बताते हैं कि आपको अपने खान-पान में क्या छोड़ना चाहिए या क्या शामिल करने की ज़रुरत है। मैं हर दिन अपने स्वास्थ्य प्रशिक्षक के साथ अपनी रोज़ की थाली की एक तस्वीर भी साझा करता हूं।
जब भी मुझे अपने शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है, तो मुझे मेरे हेल्थ कोच का फोन आ जाता है।
गौरव शर्मा का कहना है कि Beato पर उनका पसंदीदा फीचर Curv Glucometer है। वह कहते हैं, Curv Glucometer उपयोगी है और इसे फोन से जोड़ा जा सकता है। मैं अब आसानी से एक लॉग बनाए रख सकता हूं और मौजूदा रीडिंग पर भी नज़र रख सकता हूं। इस में सारा डाटा एक जगह इकट्ठा हो कर आ जाता है जिस से मैं अब बेहतर तरीके से मधुमेह का प्रबंधन कर सकता हूं।
Beato केयर प्रोग्राम के बारे में वे कहते हैं कि, यह एक अद्भुत कार्यक्रम है। यह लोगों को उनकी मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। उन्होंने Beato को “पूरी तरह से शानदार” बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि मधुमेह प्रबंधन में आत्म-अनुशासन ही सब से एहम है।
वह कहते हैं, आपको हर दिन छोटे-छोटे बदलाव करने की ज़रूरत है जो आप को एक दिन बड़े बदलावों के लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करेंगे। “मैं सिर्फ अपने हेल्थ कोच द्वारा तय किया गया खाना ही खाता हूं और साथ ही मैंने अपनी नींद का समय भी तय कर लिया है।
वह अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध करना भी पसंद करते हैं। गौरव शर्मा की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने डायबिटीज को प्रभावी तरीके से और कम समय में नियंत्रित करना चाहते हैं।