नरेश फतेहपुरी
42 साल, फार्मासिस्ट
टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित
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नरेश फतेहपुरी, जो कि 42 साल के है, वह अपनी पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ राजस्थान के भादरा में रहते है। उन्हें 2021 में यह पता चला की उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ हो गयी है।
मुझे शुगर के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे थे । मुझे केवल सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिस कारण मैंने अपना टेस्ट कराने का फैसला किया । मैंने अपना फुल बॉडी चेकअप कराया और फिर मुझे पता चला कि मुझे “टाइप 2 डायबिटीज़” है।
पीछे मुड़कर देखने पर, उन्होंने यह समझने की कोशिश की कि बीते समय की कौन सी ऐसी चीज़े है जो कि उनके टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित होने के लिए जिम्मेदार हैं ।
दरअसल, मेरे परिवार की डायबिटीज़ की हिस्ट्री रही है। मेरे पिता और दादी दोनों को ही डायबिटीज़ थी, साथ ही मेरा वजन भी ज्यादा था और यह टाइप 2 डायबिटीज़ को बड़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता था।
जांच के बाद नरेश ने तुरंत डॉक्टर को दिखाया। उन्हें कुछ दवाओं और अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दी गई थी, लेकिन वो सभी उन के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुईं।
मैं दवाएं भी ले रहा था लेकिन फिर भी मेरी शुगर रीडिंग 400 mg/dL आ रही थी। फिर मुझे यह एहसास हुआ कि मुझे अपने ट्रीटमेंट में बदलाव करने की जरूरत है । मैंने फेसबुक में BeatO का विज्ञापन देखा और सोचा कि मुझे एक बार BeatO के ज़रिये भी अपनी डायबिटीज़ का ट्रीटमेंट करने की कोशिश करनी चाहिए जिस के बाद मैं अप्रैल 2022 में BeatO केयर प्रोग्राम से जुड़ा ।
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नरेश कहते है कि BeatO केयर प्रोग्राम में शामिल होने से पहले वह अपनी फिजिकल एक्टिविटी की तरफ कोई ध्यान नहीं देते थे और उन्होंने एक अस्वस्थ जीवनशैली को अपनाया हुआ था, लेकिन BeatO केयर प्रोग्राम में शामिल होने के बाद, उन्होंने नियमित रूप से व्यायाम करना शुरू किया और अपनी BeatO हेल्थ कोच “पायल दास” के द्वारा सुझाए गए सकारात्मक बदलावों को भी लागू किया।
“मेरे हेल्थ कोच ने मुझे यह भी जानकारी दी कि मेरी डेली लाइफ में कौन – कौन सी चीज़े मैं अपने खाने में शामिल कर सकता हूँ और खुद को हेल्दी रखने के लिए किस तरह की एक्सरसाइज कर सकता हूँ । अब मैंने रोज़ सैर पर भी जाना शुरू कर दिया है।”
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उन का यह मन्ना है कि BeatO केयर प्रोग्राम में शामिल होने के कारण ही वह अपने शुगर लेवल को कम करने और उसे कंट्रोल कर पाने में सक्षम हो पाये । नरेश कहते है कि अपने हालात और स्वास्थ में सुधार के बाद, अब वह खुद को पुरे आत्मविश्वास से भरपूर पाते है ।
BeatO केयर प्रोग्राम के कारण सिर्फ 3 महीनों में उन का HbA1c 10.4% से घटकर 6.4% हो गया। उनकी फास्टिंग रीडिंग 250 mg/dL से घटकर 115 mg/dL हो गई है और उनके खाने के बाद की रीडिंग 452 mg/dL से घटकर 190 mg/dL हो गई है।
डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के अलावा वह अपने हाई ब्लडप्रेशर को भी कंट्रोल करने में सफल हुए। अब वह अपने तनाव के स्तर को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाने में भी सक्षम है ।
उन्होंने BeatO ऐप पर उपलब्ध सभी सुविधाओं के बारे में बताया जैसे – डॉक्टर परामर्श, हेल्थ कोच का सहयोग, ग्लूकोमीटर और ऑनलाइन दवाओं ने उनके स्वास्थ्य में बेहतरीन सुधार लाने में बहुत मदद की है।
“मुझे BeatO के बारे में सब कुछ पसंद है। लेकिन मुख्य रूप से, “स्मार्टफोन-इनेबल्ड ग्लूकोमीटर” मेरा सब से पसंदीदा है। जिस की वजह से अपने शुगर लेवल पर अच्छे से नज़र रखने में मदद मिलती है और अब मुझे अपनी शुगर रीडिंग कहीं भी लिखने की ज़रूरत नहीं पड़ती है । मैंने अपने सभी डायबिटिक दोस्तों और परिवार के सदस्यों BeatO के केयर प्रोग्राम से जुड़ने की सलाह दी है।
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BeatO केयर प्रोग्राम से जुड़ने के बाद नरेश अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव कर पाए, वह अपने खाली समय में, रिसर्च करना और ऐसे विचारों की तलाश करना पसंद करते है जो उन्हें अपने बिजनेस को बड़ाने में मदद कर सकें। अपने शुगर लेवल को नियंत्रित सीमा के अंदर लाने के बाद वह आत्मविश्वास से भरपूर और तनाव मुक्त जीवन जी रहे है । उन का यही कहना है कि अपने शुगर लेवल पर कड़ी नज़र रख कर ही हम सही रूप से शुगर मैनेजमेंट की ओर कदम बड़ा सकते है ।
अपने नॉन-वेरिफाइड ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल बंद करें और BeatO का चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित ग्लूकोमीटर किट अपनाएं और तुरंत अपने शुगर लेवल की जाँच करें। सही डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए BeatO डायबिटीज केयर प्रोग्राम का हिस्सा बनें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।