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बीटो अनबीटेबल | राजीव शंकर: “BeatO मधुमेह रोगियों के लिए संजीवनी की तरह है”

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मुझे ऐसा लगता है जैसे कि मुझे मेरी जिंदगी फिर से वापस मिल गयी है 
53 वर्ष, रेलवे विभाग में कार्यरत 
टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित 

राजीव शंकर 53 साल के हैं और अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ बिहार में रहते हैं। वह रेलवे विभाग में काम करते है। मार्च 2021 में उन्हें यह पता चला कि उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ है।

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“जब मुझे अपनी हालत के बारे में पता चला तो मैं बहुत डर गया था। मेरी फास्टिंग रीडिंग लगभग 306 mg/dl आई।

कोविड की वजह से मैं वैसे ही काफी मानसिक तनाव में था और डायबिटीज़ का पता चलने पर मैं और भी ज्यादा डर गया। मुझे लगा अब ये जिंदगी भर मेरे साथ रहेगा और मुझे दवाइयों के सहारे जीना होगा”

फेसबुक पर स्क्रॉल करते समय राजीव को BeatO के बारे में पता चला और उन्होंने 15 मई 2021 को BeatO के साथ अपने सफ़र की शुरूवात की।

“मैं अपने स्वास्थ्य में बेहतर सुधार के लिए अपने गृहनगर जोधपुर वापस चला गया। मेरे परिवार के सदस्य बहुत सहयोगी है। मैंने BeatO की सालाना मेम्बरशिप योजना खरीदी और अपने शुगर लेवल की नियमित रूप से जांच करना शुरू कर दिया।

क्योंकि यह सब कोविड के दौरान हुआ, तो मुझे लगा कि अगर मैं इलाज के लिए बाहर गया तो संक्रमित हो सकता हूँ लेकिन  बीटो ने मुझे घर बैठे ही अपनी स्थिति संभालने में मदद की। ”

“मैंने अपने स्वास्थ्य प्रशिक्षक की सलाह के अनुसार अपनी जीवनशैली में सभी बदलाव किए। मैं हर दिन 4 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं और उसके बाद 4 किलोमीटर पैदल भी चलता हूँ”

केवल तीन महीनों में उनका HbA1c लेवल 8.4% से घटकर 6.3% हो गया। उनकी फास्टिंग रीडिंग 

306 mg/dL से घटकर 129 mg/dL हो गई। केवल तीन महीने में उनका वजन 7 किलोग्राम कम हो गया और उनके कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी गिरावट देखी गई है।

मधुमेह रोगियों के लिए BeatO एक संजीवनी की तरह है 

  ऐसा लगता है मानो मुझे कभी मधुमेह थी ही नहीं। मेरे तनाव का स्तर कम हो गया है और मैं अब ज्यादा ऊर्जावान महसूस करता हूँ। मैं अब अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताता हूं। पहले, मुझे हर समय सामाजिक मेलजोल या वो काम करने में थकान महसूस होती थी जो मुझे पसंद हैं।

“बीटो के साथ मेरे सुधार में मेरे हेल्थ कोच की भूमिका महत्वपूर्ण है। मुझे अब तक चार डाइट प्लान मिल चुके हैं। मेरा डाइट प्लान मेरे अनुसार बनाया गया है और इससे मेरी ऊर्जा का स्तर बढ़ने में बहुत मदद मिली है। मुझे पहले सही खान – पान की कमी के कारण पाचन समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब यह पूरी तरह से ठीक हो गया है।”

राजीव अब काफी स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

मैंने अगर बीटो का विकल्प नहीं चुना होता, तो मुझे मधुमेह की दवाओं की अपनी रोज़ की खुराक बढ़ाने की ज़रुरत पड़ती।

मेरा पसंदीदा विकल्प निश्चित रूप से ग्लूकोमीटर है। यह मुझे अपनी रीडिंग लेने में मदद करता है और मुझे अपनी रीडिंग का ट्रैक रखने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यह अपने आप ऐप पर लॉग इन होता है। यहां तक कि दुकानों में उपलब्ध मधुमेह से जुड़ें उत्पादों से भी मुझे काफी मदद मिली। 

राजीव को खाली समय में संगीत सुनना और अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद है। वह दुनिया भर की  नई घटनाओं से अपडेट रहना भी पसंद करते हैं। वह अपने परिवार के हमेशा साथ रहना पसंद करते है और अपनी पत्नी और बच्चों को उनके दैनिक काम/काज में मदद करना पसंद करते है।

राजीव इस बात का सब से अच्छा उदाहरण हैं कि मधुमेह प्रबंधन किसी व्यक्ति की उम्र पर निर्भर नहीं है। सही संकल्प और कोशिश के ज़रिये आप हर मुश्किल को पार कर सकते हैं।

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Jyoti Arya

Jyoti Arya

एक पेशेवर आर्टिकल राइटर के रूप में, ज्योति एक जिज्ञासु और स्व-प्रेरित कहानीकार हैं। इनका अनुभव चर्चा-योग्य फीचर लेख, ब्लॉग, समीक्षा आर्टिकल , ऑडियो पुस्तकें और हेल्थ आर्टिकल लिखने में काफ़ी पहले से है ।ज्योति अक्सर अपने विचारों को काग़ज़ पे लाने और सम्मोहक लेख तैयार करने में व्यस्त रहती हैं, और पढ़को को मंत्रमुग्ध करें देती हैं।

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