रोशनी देवी, उम्र – 58
सरकारी संगठन में चीफ सुपरवाइजर के रूप में नियुक्त
टाइप 2 डायबिटीज़
मेरा नाम रोशनी देवी है और मेरी उम्र 58 है, मैं एक सरकारी संगठन में चीफ सुपरवाइजर के रूप में काम करती हूँ । मुझे 2012 में यह पता चला कि मुझे टाइप 2 डायबिटीज़ है। मेरी फास्टिंग शुगर रीडिंग लगभग 350 mg/dL थी। मुझे किसी दवाई का असर नहीं हो रहा था। मेरे पैरों में झनझनाहट होने लगी थी, साथ ही मेरी ऑंखें भी कमज़ोर हो रही थी और मुझे हर समय थकान महसूस होती थी । मेरे बिगड़ते स्वास्थ के कारण मेरा पूरा परिवार चिंता में था।” मुझे टाइप 2 डायबिटीज़ होने के पीछे का खास कारण मेरी लाइफस्टाइल है।
“मुझे अपनी लाइफस्टाइल चेंज करने की बहुत जरूरत थी । मेरा नेचर ऑफ वर्क सिटिंग वाला था और मुझे काफी घंटो तक एक सीट पर बैठे रहना पड़ता था। यह एक वजह है कि मुझे टाइप 2 डायबिटीज़ हो गई ”
मैं पिछले दो सालों से Beato ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कर रही हूँ । मैंने अप्रैल 2022 में खुद को डायबिटीज़ केयर प्रोग्राम में नामांकित किया।
“डायबिटीज़ केयर प्रोग्राम में मुझे ऐसी डाइट की सलाह दी गई थी जिस में कार्ब्स कम और प्रोटीन ज्यादा हो । मेरे हेल्थ कोच ने मेरी डेली डाइट का फॉलो अप लिया। अब मैं सोने से पहले एक गिलास दूध नहीं पीती जो कि मैं पहले पीती थी। अब मैं यह महसूस कर सकती हूँ कि फ़ूड आइटम कैसे मेरे शुगर लेवल को बढ़ा रहे थे।”
मैंने डायबिटीज़ केयर प्रोग्राम के साथ सिर्फ पांच महीनों के अंदर बेहतरीन सुधार किए। मेरा HbA1c 10.7% से घटकर 7.6% हो गया। मेरी फास्टिंग रीडिंग 350 mg/dL से घटकर 106 mg/dL हो गई है। अब मेरे पैरों में झनझनाहट भी बंद हो गई है और मैं अपने अंदर पहले से ज्यादा उर्जा महसूस करती हूँ ।
इस के साथ मेरी और भी कुछ समस्याएं थी। कुछ साल पहले, मेरी गाल ब्लैडर रिमूवल सर्जरी हुई थी जिस कारण मुझे अक्सर स्वास्थ से जुड़ी समस्याएं रहती थी। लेकिन इन सभी मुश्किलों के बावजूद, मैंने अच्छे बदलाव करने की पूरी कोशिश की और जिस से मुझे अपनी स्थिति पर नियंत्रण रखने में बहुत मदद मिली ।
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“मेरे हेल्थ कोच ने मुझे सलाह दी है कि मैं हर रोज 45 मिनट की सैर पर जाऊं । जैसे ही मैंने धीरे – धीरे सुधार करना शुरू किया, मैंने अपनी दिनचर्या में अच्छे बदलाव करने के लिए खुद को और ज्यादा प्रेरित महसूस किया।
वे मुझे समय पर दवाइयां भेजते हैं और मेरा शुगर लेवल हाई या लो होने पर मेरे हेल्थ कोच मुझे तुरंत फोन करते हैं। उन्होंने नियमित रूप से Beato ऐप पर डॉक्टर के साथ मेरे अपॉइंटमेंट्स फिक्स किये ।”
डायबिटीज़ केयर प्रोग्राम से सिर्फ मैं ही संतुष्ट नहीं हूँ बल्कि मेरे बेटे का भी यही कहना है कि मेरे लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव ने मेरी डायबिटीज़ को कण्ट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिस कारण मैंने अपनी शुगर को कण्ट्रोल कर के डायबिटीज़ से होने वाले दुसरे प्रभावों से भी खुद को सुरक्षित कर लिया ।
डायबिटीज़ केयर प्रोग्राम के दौरान मेरे हेल्थ कोच ने मेरे हालात में सुधार किये और हर कदम पर मेरी मदद की। यह सच है कि हमने पहले कभी इस तरह डायबिटीज़ केयर का अनुभव नहीं किया ।
अपनी लाइफस्टाइल को बदलने के साथ ही, मैंने खुद के लिए समय निकालना भी शुरू किया, मैं अपने खाली समय में भक्ति गीत सुनना पसंद करती हूँ । मैं यही कहूँगी कि किसी भी उम्र में डायबिटीज़ को कण्ट्रोल किया जा सकता है और इसका जीवंत उदाहरण देकर मैं दूसरों को भी अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ।