सौरभ वरुण
38 वर्ष, गाजियाबाद
टाइप 2 डायबिटीज
सौरभ वरुण अपनी माँ, पत्नी और दो बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहते हैं। वह एक इलेक्ट्रॉनिक्स फर्म में डिप्टी मैनेजर के रूप में काम करते है। उन्हें 2018 में अपनी टाइप 2 डायबिटीज के बारे में पता चला था।
“मुझे गाड़ी चलाते समय और यहाँ तक कि ऑफिस में काम करते समय भी थकान महसूस होती थी। मेरे परिवार का भी डायबिटीज का इतिहास रहा है इसलिए मुझे लग रहा था कि मुझे भी यह समस्या हो सकती है
“मेरे ऑफिस ने सभी कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाई थी। तभी मुझे पता चला कि मुझे टाइप 2 डायबिटीज है। मैंने तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह ली और उन्होंने मेरी डायबिटीज की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाएं दीं।
वह उपचार बहुत प्रभावी नहीं था और इसलिए सौरभ दूसरे तरीके अपनाने के बारे में सोचा।
मुझे फेसबुक के माध्यम से Beato के बारे में पता चला। शुरुआत में मैंने सिर्फ कर्व ग्लूकोमीटर खरीदा था। मुझे यह बेहद उपयोगी लगा क्योंकि मैं जहां भी जाता, इसे अपने साथ ले जा सकता था। अप्रैल 2022 में, मैंने खुद को केयर प्रोग्राम में भी नामांकित कराया।
केयर प्रोग्राम में खुद को रजिस्टर करने के बाद, उनकी हेल्थ कोच अक्षता कंठराज ने मुझे अपने खान -पान और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की सलाह दी।
यह भी पढ़ें: अनबीटेबल | प्रशांत कुमार गर्ग – “BeatO के साथ मेरा HbA1c 14% से 7% तक कम हो गया”
शुरू में तो मेरा मीठा बिल्कुल बंद करवा दिया गया। मेरा खाना प्रोटीन से भरपूर था और उस में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम रखने पर ध्यान दिया गया। मुझे लो-कार्ब आटे के सेवन की भी सलाह दी गई थी। इन बदलावों को मेरी लाइफस्टाइल में शामिल करना बहुत आसान था।
मुझे हर दिन 2000 कदम चलने की भी सलाह दी गई थी। मेरी हेल्थ कोच अक्षता ने मुझे कुछ योग आसनों के बारे में बताया जो मुझे अपने शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
Beato डायबिटीज केयर प्रोग्राम में शामिल होने के केवल ढाई महीने के अंदर मेरा HbA1c स्तर 10.3% से घटकर 7.2% हो गया है। उनकी फास्टिंग रीडिंग 180 mg/dL से घटकर 105 mg/dL हो गई है और उनका वजन भी 7 किलो कम हो गया है।
मैं हर दिन व्हाट्सएप पर अपनी हेल्थ कोच को अपने खाने की तस्वीरें भेजता हूं। वे मुझे मेरी प्लेट में मौजूद हर एक चीज़ के सेवन से जुडी सही सलाह देती हैं।
उनका कहना है कि Beato ने उनकी पूरी लाइफस्टाइल बदल दी है और उन्हें एक सही स्वस्थ जीवन जीने में मदद की है। उनका कोलेस्ट्रॉल स्तर और ब्लड प्रेशर अब नियंत्रण में है। उनकी दवा भी कम कर दी गई है।
पहले, मैं अपनी शुगर की जांच में बहुत अनियमित था। Beato के साथ, मैंने अपने शुगर लेवल की नियमित जांच की आदत बनाई है।
उनका कहना है कि अब वह Beato ऐप पर दिखाए गए ग्राफ़ की मदद से अपनी स्थिति की सही जानकारी पा सकते है।
सौरभ वरुण इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में काम करते हैं, इसलिए वह अपने खाली समय में अलग -अलग गैजेट्स के साथ प्रयोग करना पसंद करते हैं। उन्हें क्रिकेट खेलना और अपने परिवार के साथ समय बिताना भी पसंद है।
Beato ने सौरभ वरुण जैसे लोगों को उनके स्वास्थ्य लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की है। इससे पता चलता है कि सही मार्गदर्शन और नियमित निगरानी के साथ, कोई भी व्यक्ति कम समय में अपनी डायबिटीज की स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव कर सकता है।