अगर आप शादी करने जा रहे हैं तो आपको वीडीआरएल टेस्ट यानी वेनेरियल डिजीज रिसर्च लेबोरेटरी टेस्ट (VDRL Test in Hindi) जरूर करवाना चाहिए. इस टेस्ट की मदद से यौन संबंधी बीमारी (Sexually transmitted disease) सिफिलिस के बारे में पता लगाया जाता है. सिफिलिस एक तरह का बैक्टिरिया होता है, जो आपको मुंह या जेनेटल अंगों के जरिए शरीर के अंदर घुसता है. जब ये आपको शरीर में घुसता है तो यह शुरुआत में बिना दर्द वाले घाव की तरह होता है. जो आगे चलकर रैशेस में बदल जाता है. अगर इसका सही समय पर पता नहीं लगे तो आगे चलकर यह आपको लिए बहुत ही कष्टदायक हो जाता है. जिसकी वजह से आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
VDRL Test के जरिए जिस चीज के बारे में पता लगाया जाता है वो है सिफिलिस. ये एक तरह की दुर्लभ बीमारी होती है जो बैक्टीरिया ट्रीपोनेमा पैलेडियम से लोगों को होती है. ये बीमारी आपको जेनेटिक ऑर्गेन, रेक्टम और मुंह से फैलती है. अगर इसका पता शुरुआती स्टेज में नहीं पकड़ में नहीं आए तो आपको दिमाग, दिल और नर्वस सिस्टम को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. इस बीमारी के लक्षण दर्दरहित घाव, रैसेस यानि चकत्ते और Lymph Nodes में सूजन का दिखाई देना है. इसके अलावा सिफिलिस के मरीज में कम दिखाई देना या अंधापन, गले में खराश, सिर दर्द, वजन का घटना, अत्यधिक थकावट का होना है.
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इस टेस्ट में सेक्सुअल बीमारी सिफिलिस के बारे में पता लगाया जाता है. इसके लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर VDRL Test के साथ ही रूटीन टेस्ट या फुल बॉडी चेकअप करने की सलाह देते हैं. वहीं, अगर आप एक गर्भवती महिला है तो आपको STD चेक करवाने के लिए भी कह सकते हैं.
वीडीआरएल टेस्ट में मरीज के ब्लड सैंपल को टेस्ट करने के लिए लेबोरेटरी भेजा जाता है. जहां पर उसमें एंटीबॉडीज चेक किया जाता है. ये एक ऐसा टेस्ट है जिसमें आपको भुखे पेट रहने की जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही अगर आप किसी तरह के दवा का सेवन कर रहे हैं तो उसे भी छोड़ने की जरूरत नहीं है. अगर आप बीमारी के आखिरी स्टेज पर हैं, तो डॉक्टर आपको spinal fluid test करने के लिए भी कहता है. इस टेस्ट का रिजल्ट आने में 3 से 5 दिन लगते हैं. इस टेस्ट को किसी भी लेबोरेटरी में करवाया जा सकता है.
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VDRL Test का रिजल्ट अगर निगेटिव आता है तो आपको ब्लड में किसी तरह के कोई एंटीबॉडीज नहीं मिले है. इससे साफ पता चलता है कि आपके शरीर में सिफलिस बैक्टिरिया नहीं है. इस टेस्ट के रिजल्ट कई बार गलत तरह से निगेटिव आ सकते हैं. टेस्ट के रिजल्ट तब गलत आ सकते हैं जब जब सिफिलिस अपने आखिरी स्टेज में हो या फिर अभी अपने पहले स्टेज में हो.
अगर VDRL Test का रिजल्ट जब पॉजिटीव आए तो इसका सीधा मतलब है कि आप सिफिलिस के शिकार हो चुके हैं. इस टेस्ट का पॉजिटिव आना यह बताता है कि आपके शरीर में सिफलिस से लड़ने वाले एंटीबॉडीज मौजूद हैं, जो शरीर में बैक्टीरिया में होने की तरफ इसारा करते हैं. टेस्ट का पॉजिटिव रिजल्ट शुरुआती या लेटेंट अवस्था में आ सकते हैं. आपको बता दें कि यह टेस्ट कई बार गलत तरीक से भी पॉजिटिव आ सकते हैं. ऐसा तभी होता है जब मरीज पहले से दूसरी बीमारियों जैसे एचआईवी, मलेरिया, लाइम डिजीज, निमोनिया या सिस्टमिक लुपस एरीथेमाटोसस से ग्रसित हो.
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सिफिलिस के शिकार होने के कई कारण हो सकते हैं. जो निम्नलिखित है.
सिफिलिस के इलाज के दौरान मरीज को एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती है, जो बीमारी के स्टेज और लक्षण के पर डिपेंड करता है. इस बीमारी के इलाज एक तय समय तक चलता है. जिसमें आपको इसके दवाइयों का पूरा कोर्स करना पड़ता है. इस बीमारी में मरीज को आमतौर पर एंटीबायोटिक के रूप में पेनिसिलिन दी जाती है, जो शरीर में बैक्टिरिया को डेवलप होने से रोकती है. ये ऐसी बीमारी है कि जिसमें आपका और आपके पार्टनर दोनों को इलाज साथ में किया जाता है. इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि ये आपको दोबारा भी हो सकती है. अगर आप इस बीमारी से पूरी से ठीक हो चुके हैं भी तो आपको इसको लेकर सतर्क रहना होगा.
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वहीं यह एक ऐसी बीमारी है, जो यौन संबंध से फैलती है. इसलिए बेहद जरूरी है कि जब भी आप किसी से भी यौन संबंध बना रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें. एक से ज्यादा यानी मल्टीप्ल सेक्सुअल रिलेशन एकदम नहीं रखें. अगर आप ऐसा करते भी हैं तो समय-समय पर सिफलिस का चेकअप जरूर करवाते रहें.
VDRL (Venereal Disease Research Laboratory) की कीमत अलग-अलग लोबोरोटरी में अलग-अलग होती है. लेकिन इस टेस्ट की कीमत 250 रुपये से लेकर 400 रुपये तक होती है.
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