डायबिटीज के साथ होने वाली सब से बड़ी चिंता खानपान से जुड़ी है। इसलिए, चाहे आपको डायबिटीज हो या प्री डायबिटीज, किसी भी हेल्थ एक्सपर्ट की पहली सलाह आप के लिए यही होगी कि आप अपना खान पान समझदारी से चुनें। अचानक जीवनशैली में बदलावों से जुड़ी बातें सुन कर हमारे अन्दर डर पैदा होने लग जाता है। जिसके बाद डायबिटीज से ग्रसित कई लोग अक्सर हर तरह के खाने के सेवन पर संदेह करने लगते हैं। यह घबराहट मानसिक तनाव बढ़ाती है। डायबिटीज और आहार का आपस में सीधा सम्बन्ध ज़रूर है, इसके बावजूद आपको तनाव लेने की कोई जरूरत नहीं है। ग्लूकोमीटर के द्वारा नियमित ब्लड शुगर लेवल की जाँच के साथ सही कैलोरी/पोषक तत्वों के सेवन से जुड़ी ख़ान पान की योजना बना कर आप डायबिटीज मैनेजमेंट के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
डायबिटीज ऐसी मेटाबोलिक कंडीशन है जो इंसुलिन को प्रभावित करती है, जिस के चलते ब्लड शुगर लेवल कई हद तक बढ़ जाता है। इस स्थिति में डायबिटीज और आहार के महत्व को ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है कि आप कितना कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर रहे हैं क्योंकि कार्बोहाइड्रेट का सीधा सम्बन्ध ब्लड शुगर पर असर करता है। ब्लड ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखने के लिए ऐसी चीजों का सेवन जरूरी है जिनमें फाइबर और पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा हो लेकिन अनहेल्दी फैट और शुगर कम हो।
फॅमिली हिस्ट्री के अलावा मोटापा बढ़ना, तनाव, सही खानपान की कमी और व्यायाम न करना डायबिटीज की समस्या के बढ़ने के कुछ एहम कारण है। इसलिए जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उनके लिए संतुलित और नियमित खान -पान बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा आप डायबिटीज और आहार के संबध को समझते हुए इस के अनुकूल डाइट चार्ट का पालन करके अपनी डायबिटीज को नियंत्रित करने के साथ ही इंसुलिन के डोज़ में भी कमी ला सकते हैं।
डायबिटीज होने पर कि आप यह ज़रूर सोचेंगें की अब आप अपनी मनपसंद चीजों का सेवन नहीं कर पायेंगें। लेकिन ऐसा नहीं है डायबिटीज के साथ भी आप मनपसंदीदा खाना खा सकते हैं, लेकिन आपको छोटे भाग यानि पोर्शन साइज़ का ध्यान रखना होगा और लम्बे अन्तराल में उन चीजों का सेवन करना होगा।
आपको यह समझने की ज़रूरत है कि आप का लक्ष्य ऐसे ख़ान पान को अपनाने का है जो डायबिटीज के अनुकूल हो, जिस से आप का ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहें। वास्तव में, ख़ान पान की योजना डायबिटीज के लिए बेहतर ब्लड ग्लूकोज मूल्य और वजन घटाने के लिए भी फायदेमंद होती है। आपको हर दिन1500-कैलोरी के लक्ष्य के आसपास रहना होगा। यह ख़ान पान के घटक आपकी वर्तमान डायबिटीज स्थिति, शरीर की ज़रूरतों और संतुष्टि के आधार पर अलग-अलग होंगे।
डायबिटीज संबंधी खान-पान, शुगर लेवल को नियंत्रित करने, वजन नियंत्रण और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट का संतुलित मिश्रण लेना शामिल है। शुगर लेवल को नियंत्रित करने की कुंजी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थों का चयन करना है।
कार्बोहाइड्रेट: कॉम्प्लेक्स (जटिल) कार्बोहाइड्रेट जैसे साबुत अनाज (जई, भूरे चावल, क्विनोआ), फलियां और सब्जियां चुनें। ये खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे ग्लूकोज बढ़ाते हैं, जिससे शुगर लेवल में अचानक बढ़ोतरी को रोका जा सकता है।
प्रोटीन: मछली, पोल्ट्री, टोफू और फलियां जैसे प्रोटीन के स्रोत शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने के लिए फायदेमंद होते हैं।
वसा: नट्स, बीज, एवोकाडो और जैतून के तेल में पाए जाने वाले स्वस्थ फैट पर ध्यान दें। हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ट्रांस वसा से बचें और सैचुरेटेड वसा को सीमित करें।
यहं पर ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार दी गयी है जो डायबिटीज और आहार के बीच एक सही तालमेल बनाने में मदद कर सकते हैं। हमने नीचे उन खाद्य पदार्थों को विभाजित किया है जिन्हें आप खा सकते हैं और जिन्हें आपको नहीं खाना चाहिए।
फल और सब्जियां-
(किन चीज़ों का सेवन करें)
(इनसे बचें)
कृत्रिम खाद्य पदार्थ जो फलों और सब्जियों से निकाले जाने का दावा करते हैं, जैसे कि डिब्बाबंद जूस जिस में कैलोरी, ट्रांस-फैट और चीनी की मात्रा अधिक होती है। स्टार्चयुक्त सब्ज़ियों के सेवन से बचें इसमें आलू, मक्का और हरी मटर शामिल हैं।
प्रोटीन
दुबला मांस, त्वचा के बिना चिकन या टर्की, मछली,अंडे,मेवे और मूँगफली,सूखी फलियाँ और कुछ मटर, जैसे छोले और मटर,मांस के विकल्प, जैसे टोफू का सेवन किया जा सकता है।
डेरी प्रोडक्ट
हमें अक्सर बताया जाता है कि दूध प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। लेकिन क्या यह डायबिटिक फूड चार्ट के लिए भी उतना ही फायदेमंद है? आइये जानते है –
(किन चीज़ों का सेवन करें)
दूध, विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। आपको अपने आहार में स्किम्ड दूध और कम वसा और बिना चीनी वाली दही चुनना चाहिए।
(इनसे बचें)
डायबिटीज के लिए फुल क्रीम दूध और आइसक्रीम के ज़्यादा सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही डायबिटीज के मरीजों को खाने में ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आप खाने में ज्यादा ऑयली फ़ूड को शामिल करेंगे तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
वसा और मिठाइयाँ
यह डायबिटीज के लिए भारतीय आहार चार्ट का एक हिस्सा है जिसका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए। क्योंकि वसा और मीठी चीजें चीनी के स्तर को बढ़ा सकती हैं और वजन बढ़ा सकती हैं, इसलिए उन्हें छोटे हिस्से में सेवन करना सबसे अच्छा है। उनके किन चीज़ों का सेवन करें –
(किन चीज़ों का सेवन करें)
मेवे, बीज और एवोकाडो आवश्यक फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं। आप स्नैकिंग के स्वस्थ विकल्प के रूप में नट्स और बीजों को आज़मा सकते हैं। यदि आप कभी-कभार चॉकलेट खाना चाहते हैं, तो बिना चीनी वाली चॉकलेट खाने पर विचार करें।
(इनसे बचें)
कुकीज़, केक, बर्गर और ऐसे अन्य फास्ट फूड से वसा आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है और आपके खून में ग्लूकोज की बढ़ोतरी शुरू कर सकता है।
यहाँ पर डायबिटीज और आहार के संबध में ध्यान देने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें दी गयी है –
समय पर खाएं – खासकर यदि आप डायबिटीज की गोलियाँ या इंसुलिन शॉट्स ले रहे हैं।
हेल्दी कार्बोहाइडेट वाली चीजें खाएं – जिन चीजों में कार्ब्स होता है वो हमारे शुगर लेवल को प्रभावित करता है इसलिए ये जानना जरूरी है कि किन चीजों में हेल्दी कार्ब्स होता है। हेल्दी कार्ब्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
कम मात्रा में नमक खाएं – अधिक मात्रा में नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से हृदय संबंधी बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा फल और सब्जियां खाएं – अधिक मात्रा में फल और सब्जियां खाएं जो फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसी चीजों के लिए पोषक तत्व की तरह काम करता है।
हेल्दी फैट चुनें – हम सभी को अपने डेली रूटीन में हेल्दी फैट शामिल करना चाहिए इससे एनर्जी मिलती है। हेल्दी फैट में सीड्स, अनसाल्टेड नट्स, एवोकाडो, ऑयली फिश, सूरजमुखी का तेल और ऑलिव ऑयल शामिल करें।
शराब पीने से बचें – शराब में कैलोरी की भरपूर मात्रा होती है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक होता है, इससे शुगर लेवल बढ़ता है जिसकी वजह से अन्य बीमारियां होने का खतरा होता है।
डाइट में मिनरल्स और विटामिन्स शामिल करें – डाइट में विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर चीजें खाएं, ये चीजें आपको फिजिकली एक्टिव रखती हैं और डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है, इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियों के खतरों को भी कम करती है।
पोर्शन साइज़ को ध्यान में रखें – मनपसंद खाने के सेवन के समय इच्छा पूरी होने तक खाने की इच्छा होना स्वाभाविक है, लेकिन ऐसे में आप के डायबिटीज मैनेजमेंट के लक्ष्य में बाधा पैदा हो सकती है, इसलिए चाहे आप सेहतमंद तरीके से अपने खाने को बना रखें है, फिर भी पोर्शन साइज़ ध्यान में ज़रूर रखें।
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